माफिया के गढ़ में फिर आंसर-की का ‘जिन्न’
रोहतक, झज्जर और सोनीपत से बरामद हुई उत्तर तालिका, साजिश की आशंका से नहीं किया जा रहा इंकार जागरण संवाददाता, रोहतक : नकल माफिया के गढ़ के नाम से कुख्यात क्षेत्र में एचटेट परीक्षा के दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच एक बार फिर आंसर-की का ‘जिन्न’ बोतल से बाहर आ गया। आंसर-की के जिन्न ने मंडल के तीन जिलों रोहतक, झज्जर और सोनीपत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया, लेकिन आंसर-की के उत्तर प्रश्नपत्र से मिलान नहीं होने का दावा करती रही। सवाल यह उठता है कि जब यह आंसर-की फर्जी है, तो कड़ी सुरक्षा के बीच यह परीक्षा केंद्रों तक कैसे और क्यों पहुंची? इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है।1 बताते चलें कि पूर्व में एआइपीएमटी, रेलवे भर्ती ग्रुप डी और एसएससी पेपर लीक केस का रोहतक मंडल केंद्र रहा है। इससे पहले भी पेपर लीक के अन्य मामले मंडल में सामने आ चुके हैं। इसके चलते एचटेट परीक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन ने खासे प्रबंध किए थे। इसके बावजूद नकल माफिया की सक्रियता का क्षेत्र में खुलासा हुआ है। माफिया के गढ़ में तीन जिलों से आंसर-की बरामद की गई है। बेशक पुलिस और बोर्ड आंसर-की के फर्जी होने का दावा कर रहा है, लेकिन यह सोचनीय विषय है कि इतनी सख्ती के बावजूद किसी को फर्जी आंसर-की केंद्र तक लाने की आवश्यकता क्या पड़ी थी? 1एआइपीएमटी का सरगना पुलिस के लिए बना पहेली 1एआइपीएमटी पेपर लीक का खुलासा करने के बाद पुलिस ने दो दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की थी। आरोपियों से पूछताछ में महम के मदीना निवासी रूप दांगी का नाम सामने आया था। बताया गया था कि दांगी पेपर लीक का सरगना है। इससे पहले भी वह अन्य परीक्षा लीक केस में शामिल रहा है। पुलिस ने दांगी की गिरफ्तारी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया। इसके बावजूद छह माह बाद भी दांगी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है। पुलिस दांगी की गिरफ्तारी तो दूर उसकी सही लोकेशन का भी पता नहीं लगा पाई है। 1भूलभुलैया बनी एसएससी पेपर लीक की जांच 1पुलिस ने स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) परीक्षा के दौरान महम के मदीना निवासी नवीन और किशनगढ़ निवासी दिलबाग को हिरासत में लिया था। पुलिस ने उनके मोबाइल के व्हाट्स-एप से भेजी गई आंसर-की बरामद की थी। आरोपियों से पूछताछ के बाद आसन निवासी छोटा और बिजेंद्र नाम के युवक का नाम सामने आया था। पुलिस अब तक तक न तो छोटा को पकड़ पाई है और न ही बिजेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। आलम यह है कि छोटा का मोबाइल भी पुलिस बरामद नहीं कर पाई है, जिससे आंसर-की गिरफ्तार किए गए आरोपियों के मोबाइल पर भेजी गई थी। पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। इसके बाद से जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। 1आंसर-की लीक : जालसाजी या माफिया की साजिश?1एसएससी के आरोपियों से बरामद आंसर-की की पड़ताल के बाद भी पुलिस ने उत्तर का मिलान नहीं होने का दावा किया था जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई उत्तरों का मिलान होने की बात कही गई थी। अब एक बार फिर एचटेट परीक्षा के दौरान भी बरामद की गई आंसर-की के उत्तर का मिलान नहीं होने के कारण फर्जी होने का दावा किया जा रहा है। इसमें कोई संशय नहीं कि माफिया ने पुलिस को गुमराह करने के लिए सौ फीसदी सही उत्तरों की आंसर-की जारी नहीं की हो? बल्कि कुछ उत्तरों को जान बूझकर आंसर-की में गलत लिखा गया हो? वहीं, यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि माफिया की सक्रियता भुनाने और परीक्षार्थियों को ठगने के लिए क्षेत्र में कोई नटवर लाल गिरोह सक्रिय हो गया हो? पुलिस को पूरे मामले को गंभीरता से जांच करनी होगी तभी रहस्यमयी आंसर-की का राज खुल पाएगा।जागरण संवाददाता, रोहतक : नकल माफिया के गढ़ के नाम से कुख्यात क्षेत्र में एचटेट परीक्षा के दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच एक बार फिर आंसर-की का ‘जिन्न’ बोतल से बाहर आ गया। आंसर-की के जिन्न ने मंडल के तीन जिलों रोहतक, झज्जर और सोनीपत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया, लेकिन आंसर-की के उत्तर प्रश्नपत्र से मिलान नहीं होने का दावा करती रही। सवाल यह उठता है कि जब यह आंसर-की फर्जी है, तो कड़ी सुरक्षा के बीच यह परीक्षा केंद्रों तक कैसे और क्यों पहुंची? इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है।1 बताते चलें कि पूर्व में एआइपीएमटी, रेलवे भर्ती ग्रुप डी और एसएससी पेपर लीक केस का रोहतक मंडल केंद्र रहा है। इससे पहले भी पेपर लीक के अन्य मामले मंडल में सामने आ चुके हैं। इसके चलते एचटेट परीक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन ने खासे प्रबंध किए थे। इसके बावजूद नकल माफिया की सक्रियता का क्षेत्र में खुलासा हुआ है। माफिया के गढ़ में तीन जिलों से आंसर-की बरामद की गई है। बेशक पुलिस और बोर्ड आंसर-की के फर्जी होने का दावा कर रहा है, लेकिन यह सोचनीय विषय है कि इतनी सख्ती के बावजूद किसी को फर्जी आंसर-की केंद्र तक लाने की आवश्यकता क्या पड़ी थी? 1एआइपीएमटी का सरगना पुलिस के लिए बना पहेली 1एआइपीएमटी पेपर लीक का खुलासा करने के बाद पुलिस ने दो दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की थी। आरोपियों से पूछताछ में महम के मदीना निवासी रूप दांगी का नाम सामने आया था। बताया गया था कि दांगी पेपर लीक का सरगना है। इससे पहले भी वह अन्य परीक्षा लीक केस में शामिल रहा है। पुलिस ने दांगी की गिरफ्तारी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया। इसके बावजूद छह माह बाद भी दांगी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है। पुलिस दांगी की गिरफ्तारी तो दूर उसकी सही लोकेशन का भी पता नहीं लगा पाई है। 1भूलभुलैया बनी एसएससी पेपर लीक की जांच 1पुलिस ने स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) परीक्षा के दौरान महम के मदीना निवासी नवीन और किशनगढ़ निवासी दिलबाग को हिरासत में लिया था। पुलिस ने उनके मोबाइल के व्हाट्स-एप से भेजी गई आंसर-की बरामद की थी। आरोपियों से पूछताछ के बाद आसन निवासी छोटा और बिजेंद्र नाम के युवक का नाम सामने आया था। पुलिस अब तक तक न तो छोटा को पकड़ पाई है और न ही बिजेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। आलम यह है कि छोटा का मोबाइल भी पुलिस बरामद नहीं कर पाई है, जिससे आंसर-की गिरफ्तार किए गए आरोपियों के मोबाइल पर भेजी गई थी। पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। इसके बाद से जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। 1आंसर-की लीक : जालसाजी या माफिया की साजिश?1एसएससी के आरोपियों से बरामद आंसर-की की पड़ताल के बाद भी पुलिस ने उत्तर का मिलान नहीं होने का दावा किया था जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई उत्तरों का मिलान होने की बात कही गई थी। अब एक बार फिर एचटेट परीक्षा के दौरान भी बरामद की गई आंसर-की के उत्तर का मिलान नहीं होने के कारण फर्जी होने का दावा किया जा रहा है। इसमें कोई संशय नहीं कि माफिया ने पुलिस को गुमराह करने के लिए सौ फीसदी सही उत्तरों की आंसर-की जारी नहीं की हो? बल्कि कुछ उत्तरों को जान बूझकर आंसर-की में गलत लिखा गया हो? वहीं, यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि माफिया की सक्रियता भुनाने और परीक्षार्थियों को ठगने के लिए क्षेत्र में कोई नटवर लाल गिरोह सक्रिय हो गया हो? पुलिस को पूरे मामले को गंभीरता से जांच करनी होगी तभी रहस्यमयी आंसर-की का राज खुल पाएगा।www.facebook.com/teacherharyana
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