चौटाला की उम्मीद अभी नहीं हुई खत्म, उपराज्यपाल को दोबारा भेजी पैरोल की अर्जी
पानीपत। शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पैरोल पर जेल से रिहाई की उम्मीदें अभी बरकरार हैं। उनकी ताजा अर्जी पर दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग विचार कर रहे हैं। हो सकता है कि चौटाला के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए जंग उनकी अर्जी को स्वीकार कर उन्हें पैरोल दे दें। तमाम अर्जियां खारिज होने के बाद चौटाला की ओर से आखिरी अर्जी 28 अक्टूबर को लगाई गई है।वहीं राजनिवास ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी की पैरोल की अर्जी को स्वीकार करना अथवा उसे खारिज कर देना उपराज्यपाल का अधिकार है। ऐसा कहने का सीधा मतलब यह है कि केजरीवाल सरकार भले पैरोल देने का विरोध करे लेकिन जंग के फैसले पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि इस दलील के आधार पर यह अनुमान गलत नहीं है कि चौटाला को नवंबर के बाद पैरोल पर रिहा किया जा सकता। लेकिन यह भी तय है कि यदि ऐसा हुआ तो केजरीवाल सरकार जंग पर यह आरोप जरूर लगाएगी कि वह पहले से ही चौटाला को पैरोल पर रिहा करने के पक्ष में थे। शायद यही वजह है कि राजनिवास को भी इस बारे में फैसला लेने में विलंब हो रहा है। चौटाला की पैरोल याचिका का दिल्ली सरकार ने इस आधार पर विरोध किया था कि अभी उन्हें पिछला पैरोल मिले 6 महीने नहीं पूरे हुए हैं।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
पानीपत। शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पैरोल पर जेल से रिहाई की उम्मीदें अभी बरकरार हैं। उनकी ताजा अर्जी पर दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग विचार कर रहे हैं। हो सकता है कि चौटाला के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए जंग उनकी अर्जी को स्वीकार कर उन्हें पैरोल दे दें। तमाम अर्जियां खारिज होने के बाद चौटाला की ओर से आखिरी अर्जी 28 अक्टूबर को लगाई गई है।वहीं राजनिवास ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी की पैरोल की अर्जी को स्वीकार करना अथवा उसे खारिज कर देना उपराज्यपाल का अधिकार है। ऐसा कहने का सीधा मतलब यह है कि केजरीवाल सरकार भले पैरोल देने का विरोध करे लेकिन जंग के फैसले पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि इस दलील के आधार पर यह अनुमान गलत नहीं है कि चौटाला को नवंबर के बाद पैरोल पर रिहा किया जा सकता। लेकिन यह भी तय है कि यदि ऐसा हुआ तो केजरीवाल सरकार जंग पर यह आरोप जरूर लगाएगी कि वह पहले से ही चौटाला को पैरोल पर रिहा करने के पक्ष में थे। शायद यही वजह है कि राजनिवास को भी इस बारे में फैसला लेने में विलंब हो रहा है। चौटाला की पैरोल याचिका का दिल्ली सरकार ने इस आधार पर विरोध किया था कि अभी उन्हें पिछला पैरोल मिले 6 महीने नहीं पूरे हुए हैं।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment