वाइस प्रिंसिपल व सीनियर टीचर बनेंगे प्रधानाचार्य
अमर उजाला ब्यूरो नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने बिना प्रिंसिपल के चल रहे अपने स्कूलों केलिए वाइस प्रिंसिपल व सीनियर टीचर की सेवाएं लेने का निर्णय लिया है। लगभग 90 दिनों तक उन्हें यह जिम्मेदारी संभालनी होगी। संगठन की ओर से यह कदम मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर उठाया है।
देश में काफी संख्या में ऐसे केवी हैं जो बिना प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इन पदों को भरने में अभी समय लगेगा। मार्च 2016 में बोर्ड परीक्षाएं भी आयोजित होनी हैं। ऐसे में संगठन नहीं चाहता है कि प्रिंसिपल के बिना स्कूल संचालित हों। इस स्थिति को देखते हुए संगठन ने यह फैसला किया कि वाइस प्रिंसिपल व सीनियर टीचर(पीजीटी-टीजीटी-पीआरटी) की सेवाओं का इस्तेमाल किया जाए। अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासनिक) जी.के श्रीवास्तव की ओर से इस संबंध में संगठन के सभी रीजन केउपायुक्तों को जानकारी भेज दी गई है। इसमें कहा गया है कि जिन केवी में प्रिंसिपल का पद खाली हैं, लेकिन वाइस प्रिंसिपल पद पर हैं तो उन स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल को बतौर कार्यवाहक प्रिंसिपल के रूप में कामकाज दिया जाए। जिन स्कूलों में प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल के पद खाली हैं, उन स्कूलों में जो भी वरिष्ठ पीजीटी होगा उसे कार्यवाहक प्रिंसिपल का जिम्मा वित्तीय शक्तियों के साथ दिया जाएगा। वहीं, जिन स्कूलों में कोई उपलब्ध न हो तो वहां वरिष्ठ टीजीटी या पीआरटी टीचर को कार्यवाहक प्रिंसिपल का जिम्मा मिलेगा। कार्यवाहक प्रिंसिपल को वित्तीय व प्रशासनिक कार्यों की सात दिन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
कई केवी में प्रिंसिपल के पद खाली हैंबोर्ड परीक्षा को लेकर लिया निर्णयwww.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
अमर उजाला ब्यूरो नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने बिना प्रिंसिपल के चल रहे अपने स्कूलों केलिए वाइस प्रिंसिपल व सीनियर टीचर की सेवाएं लेने का निर्णय लिया है। लगभग 90 दिनों तक उन्हें यह जिम्मेदारी संभालनी होगी। संगठन की ओर से यह कदम मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर उठाया है।
देश में काफी संख्या में ऐसे केवी हैं जो बिना प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इन पदों को भरने में अभी समय लगेगा। मार्च 2016 में बोर्ड परीक्षाएं भी आयोजित होनी हैं। ऐसे में संगठन नहीं चाहता है कि प्रिंसिपल के बिना स्कूल संचालित हों। इस स्थिति को देखते हुए संगठन ने यह फैसला किया कि वाइस प्रिंसिपल व सीनियर टीचर(पीजीटी-टीजीटी-पीआरटी) की सेवाओं का इस्तेमाल किया जाए। अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासनिक) जी.के श्रीवास्तव की ओर से इस संबंध में संगठन के सभी रीजन केउपायुक्तों को जानकारी भेज दी गई है। इसमें कहा गया है कि जिन केवी में प्रिंसिपल का पद खाली हैं, लेकिन वाइस प्रिंसिपल पद पर हैं तो उन स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल को बतौर कार्यवाहक प्रिंसिपल के रूप में कामकाज दिया जाए। जिन स्कूलों में प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल के पद खाली हैं, उन स्कूलों में जो भी वरिष्ठ पीजीटी होगा उसे कार्यवाहक प्रिंसिपल का जिम्मा वित्तीय शक्तियों के साथ दिया जाएगा। वहीं, जिन स्कूलों में कोई उपलब्ध न हो तो वहां वरिष्ठ टीजीटी या पीआरटी टीचर को कार्यवाहक प्रिंसिपल का जिम्मा मिलेगा। कार्यवाहक प्रिंसिपल को वित्तीय व प्रशासनिक कार्यों की सात दिन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
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