नई दिल्ली गवर्नमेंट स्कूलों में प्रिंसिपल और टीचर्स पर टीचिंग के साथ-साथ प्रशासनिक कामकाज का भी बोझ रहता है, जिसके चलते स्कूल में टीचिंग प्रभावित हो रही है। दिल्ली सरकार ने इसका सॉल्यूशन ढूंढ लिया है। यह तय किया गया है कि
अब स्कूल के प्रिंसिपल नॉन टीचिंग वर्क के लिए रिटायर लोगों को भी अपॉइन्ट कर सकते हैं।डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने सरकार के इस फैसले के बारे में सदन में जानकारी देते हुए कहा कि स्कूलों में साफ-सफाई की कमी, टूटे बल्ब, खराब पंखे, टूटी खिड़कियां, टॉयलेट और पानी की समस्या जैसी शिकायतें होती हैं। इन सब कामों के लिए या तो खुद प्रिंसिपल को लगना पड़ता है या वे किसी टीचर को इसकी जिम्मेदारी सौंपते हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई पर असर पड़ रहा है, लेकिन अब सरकार ने इन सब कामों के लिए एक अलग अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार प्रिंसिपल को दिया है। दिल्ली सरकार, स्थानीय निकायों, केंद्र सरकार, दूसरे राज्य सरकार, सैन्य सेवा या ऐसी किसी अन्य सेवा में क्लर्क, अपर डिविजनल क्लर्क, हेड क्लर्क और ऑफिस सुपरिंटेंडेंट के पद से रिटायर्ड 65 साल से कम उम्र के स्वस्थ व्यक्तियों को इन कामों के लिए नियुक्त किया जाएगा। नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट पर होगी और उन्हें 25 हजार रुपये की सैलरी दी जाएगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया है। डिप्टी सीएम के मुताबिक, टीचर्स को नॉन टीचिंग वर्क सौंपना बच्चों और टीचर्स दोनों के साथ अन्याय है। टीचर्स का पूरा फोकस एजुकेशन पर हो और वे ज्यादा रचनात्मक और बेहतर तरीके से इस काम को कर सकें, हमारी यही कोशिश है। इससे पहले सरकार ने टीचर्स को जनगणना के काम में न लगाने का फैसला लिया थाwww.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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