नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन सभी अभ्यर्थियों को झटका देते हुए कड़ी फटकार भी लगाई है जो अंतिम तिथि तक योग्यता न रखते हुए भी बोर्ड को गुमराह करके परीक्षा में बैठे थे ।
यह फैसला न्यायालय ने सुनील श्रीवास्तव व अन्य बनाम दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के मामले पर दिया । सुनील और कुछ अन्य अभ्यर्थियों ने 2014 में टी जी टी स्पेसल एजुकेशन के पद के लिए सी टी ई टी न होते हुए भी आवेदन किया था और बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में बैठकर उसे पास भी किया था किन्तु बोर्ड द्वारा प्रमाण पत्र सत्यापन के समय इन अभ्यर्थियों को सी टी ई टी निर्धारित तिथि से बाद की तिथि का होने के कारण अयोग्य करार दे दिया गया था।
अतः अभ्यर्थियो द्वारा माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था लेकिन यहाँ भी निराशा ही हाथ लगी।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चूँकि अभ्यर्थी निर्धारित अंतिम तिथि तक पद के लिए पूर्ण योग्यता (सी टी ई टी) नहीं रखते थे अतः इन सभी को किसी भी परस्थिति में योग्य नहीं माना जा सकता क्योकि यह उन सभी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने अंतिम तिथि तक योग्यता न रखने के कारण आवेदन ही नहीं किया।
न्यायालय ने इन सभी अभ्यर्थियों को भी कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह बोर्ड को गलत सूचना देकर परीक्षा में बैठना भी अनुचित है।
साथ ही साथ माननीय उच्च न्यायालय ने बोर्ड को इस तरह की गलत सूचना देने वाले अभ्यर्थियों पर उचित कार्यवाही का भी निर्देश दिया।www.facebook.com/teacherharyana
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उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चूँकि अभ्यर्थी निर्धारित अंतिम तिथि तक पद के लिए पूर्ण योग्यता (सी टी ई टी) नहीं रखते थे अतः इन सभी को किसी भी परस्थिति में योग्य नहीं माना जा सकता क्योकि यह उन सभी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने अंतिम तिथि तक योग्यता न रखने के कारण आवेदन ही नहीं किया।
न्यायालय ने इन सभी अभ्यर्थियों को भी कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह बोर्ड को गलत सूचना देकर परीक्षा में बैठना भी अनुचित है।
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