वेतन आयोग : एम्स नर्स यूनियन ने सातवें वेतन आयोग को नकारा

संवाद सूत्र, बादली : एम्स नर्सिग यूनियन ने 7वें वेतन आयोग को पूरी तरह से गलत ठहराया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि यह सब नर्सो के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और उनके इस पेशे के साथ सौतेला व्यवहार है। बाढ़सा एम्स-2 में स्थित आयोजित एक बैठक में एम्स नर्सिग यूनियन के कार्यकारिणी सदस्य अमित कुमार उपस्थित अन्य नर्स स्टाफ को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने जस्टिस माथुर के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से उनके व्यवसाय के साथ अन्याय किया गया है। उनके इस फैसले पर एम्स नर्सिग यूनियन ने इसका विरोध जताने का फैसला किया है। जिसके तहत एम्स नर्सिग यूनियन 8 दिसंबर को दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और समस्त भारत के विभिन्न नर्सिग यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर देश के प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे। भारत सरकार के अधीन कार्यरत नर्स की तुलना निजी क्षेत्रों में कार्यरत नर्सो के साथ करके इस वेतन आयोग ने सरकारी नर्सो के साथ साथ निजी क्षेत्र में कार्यरत नर्सो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने बताया कि एक ओर तो देश नर्स स्टाफ की कमी महसूस कर रहा है वहीं दूसरी ओर इस प्रकार के वेतन आयोग पास किए जा रहे है कि नर्से विदेशों में पलायन करने को मजबूर है। 7वें वेतन आयोग ने नर्सो के कुछ पदों के ग्रेड घटाकर उन्हे डिमोट कर दिया है। जिसमें असिस्टेट नर्सिग सुपरीटेंडेट के पीबी-3 श्रखला को पीबी-2 में तबदील कर दिया गया है। इसके साथ ही कई भत्तों को भी समाप्त कर दिया है। जबकि एचआरए भी काफी कम कर दिया है। वहीं यूनिफार्म और वाश्िाग अलाऊंस को खत्म करके ड्रेस अलाऊंस में बदल दिया है और उसमें कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। एम्स नर्सिग यूनियन के पदाधिकारी अब काम के अनुसार वेतन के बढ़ाए जाने की सिफारिशकर रहे है। इसी बात को लेकर वे अब आने वाली 8 दिसंबर को देश के प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपे जाने की नीति बना रहे है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)

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