जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में सरकारी स्कूलों के बच्चे बोर्ड ही नही बल्कि नॉन बोर्ड की कक्षाओं में भी पिछड़ रहे हैं। मासिक परीक्षा में आधे बच्चे भी 50 प्रतिशत अंक हासिल नहीं कर पाए हैं। बोर्ड की कक्षाओं में भी राजकीय स्कूलों की स्थिति इसी प्रकार दयनीय बनी हुई है। दसवीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम में जिला 14वें स्थान पर रहा था। 1लेकिन अब पहली से आठवीं कक्षा तक की मासिक परीक्षाओं में भी कैथल 13वें स्थान पर है। इन मासिक परीक्षाओं में आधे बच्चे भी 50 प्रतिशत अंक हासिल नही कर पाए हैं। जिस कारण हिसार व सिरसा के साथ कैथल 13 स्थान पर लुढ़क गया है। शिक्षा अधिकारी लगातार कमजोर रिजल्ट आने के कारण तलाश करने में लगे हुए है। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।1मई से लेकर नवंबर तक की बात की जाए तो जिला में पहली से आठवीं तक की मासिक परीक्षाओं के परिणाम में सिर्फ छह प्रतिशत ही वृद्धि हुई है। मई माह में 43 प्रतिशत बच्चों ने 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक हासिल किये थे। अगले माह परीक्षा परिणाम 3 प्रतिशत गिरकर 40 प्रतिशत पहुंच गया था। मासिक परीक्षाओं की शिक्षा विभाग द्वारा हर माह समीक्षा की जाती है लेकिन बावजूद इसके आधे 49 प्रतिशत बच्चे ही 50 या इससे ज्यादा अंक हासिल कर पाए हैं।
मासिक परीक्षा में आधे विद्यार्थी भी नहीं ले पाए 50 प्रतिशत अंक
बोर्ड की कक्षाओं में भी पिछड़ गया था जिला नॉन बोर्ड ही नही बल्कि बोर्ड की परीक्षाओं में भी राजकीय स्कूलों के बच्चे पिछड़ रहे हैं। दसवीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर में कैथल जिला 14वें स्थान पर रहा था। जिलेभर में 32.28 प्रतिशत बच्चे ही परीक्षा पास कर पाए। राजकीय स्कूलों में तो एक चौथाई बच्चे भी पास नहीं हो पाए हैं। जबकि एक राजकीय स्कूल का परिणाम जीरो रहा।
खराब परीक्षा परिणाम आने के पीछे कई कारण हैं। जिलेभर में आधे से ज्यादा स्कूल तो ऐसे हैं जो स्कूल मुखिया के बिना ही चल रहे हैं। काफी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रयासरत है। जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम खराब आया है उनसे रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद परिणाम खराब आने का कारण जानकर स्थिति को सुधारा जाएगा।1-शमशेर सिंह सिरोही, जिला उप शिक्षा अधिकारी, कैथल
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