शिक्षा के साथ बच्चों में व्यवसायिक योग्यता विकसित करने के लिए अब स्कूल स्तर पर ही बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। नेशनल स्किल डेवलेपमेंट स्कीम के तहत 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को एक अतिरिक्त सब्जेक्ट के तौर पर यह प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा। शुरुआत में इसे जिला के 26 स्कूलों में शुरू किया गया था और आगामी सत्र से इसे 25 और स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही उन स्कूलों में भी इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है जहां नवीं कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या 60 है।
स्कूली बच्चे शिक्षा तो ग्रहण कर लेते हैं, लेकिन उनमें किसी भी तरह की व्यवसायिक योग्यता विकसित नहीं होती। इसी को देखते हुए सत्र 2015-16 में प्रदेश के 490 स्कूलों में स्किल डेवलेपमेंट के लिए 10 कोर्स शुरू किए गए थे। इनमें 26 स्कूल जिला सोनीपत के थे।
इनमें विद्यार्थियों को संस्कृत की तरह ही आप्सनल विषय के तौर पर आईटी, रिटेल, सुरक्षा, आटो मोबाइल्स, ब्यूटी पार्लर, पेशेंट केयर सहायता, फिजिकल एजुकेशन व खेल, टूरिज्म व आतिथ्य, मीडिया एंटरटेनमेंट-एनिमेशन और कृषि विषय अतिरिक्त तौर पर लागू किया गया है।
उप जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल सिह ने बताया कि अब इस स्कीम का विस्तार करते हुए सत्र 2016-17 से जिला के 25 और स्कूलों का चयन किया गया है। इसके अलावा इन कोर्सो की संख्या भी 10 से बढ़ाकर 17 कर दी गई है। जो नए कोर्स शुरू किए गए हैं उनमें बैंकिग व इंश्योरेंस सर्विस, बैं¨कग व फायनेंस सर्विस, टेलीकम्यूनिकेशन, आईटी व आईटीज ( डोमेस्टिक बायोमीट्रिक डाटा आपरेटर व डाटा इंट्री आपरेटर कम स्टैनोग्राफी), हैल्थ केयर-विजन टेक्निीशियन, टूरिज्म-आतिथ्य एवं ट्रैवल आतिथ्य, डिजाइ¨नग के कोर्स भी तैयार किए गए हैं।
इन कोर्सों के द्वारा चार साल तक बच्चों को स्कूल में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें स्थानीय उद्योग की मांग के अनुसार भी बच्चों में योग्यता विकसित की जाएगी। इसके लिए जिन स्कूलों में यह कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है वहां दो-दो लैब भी विकसित की जाएंगी।
राजकीय स्कूलों के बच्चों को बेहतर प्रशिक्षण व पढ़ाई के दौरान ही काम करने की योग्यता विकसित करने के लिए शुरू किए गए इस कोर्स में प्रत्येक कक्षा में 25 से 30 विद्यार्थी होंगे। चार वर्षो तक लगातार प्रशिक्षण देने के बाद इन बच्चों की कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा भी उपलब्ध होगी और इसके लिए प्लेसमेंट फेयर भी आयोजित किए जाएंगे। इस कोर्स की समाप्ति पर विद्यार्थियों को एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
स्कूलों को बेहतर व्यवस्था के निर्देश: मीटिग में सभी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए कि इस योजना का उद्देश्य राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर भविष्य उपलब्ध करवाना है।
स्कूलों को बेहतर व्यवस्था के निर्देश: मीटिग में सभी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए कि इस योजना का उद्देश्य राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर भविष्य उपलब्ध करवाना है।