88 स्कूलों में बनाए जाएंगे प्रमाणपत्र : डीसी
करनाल : उपायुक्त डॉ. जे गणोशन ने कैंप कार्यालय में जिले के सभी तहसीलदारों तथा नायब तहसीलदारों को निर्देश दिए कि स्कूलों के मुख्याध्यापकों द्वारा सत्यापित अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, बीसी तथा हरियाणा रिहायसी प्रमाणपत्र के आवेदनों को ऑन लाइन प्राप्त करते हुए उन पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें। जिले के 88 स्कूलों में दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं स्कूलों के विद्यार्थियों के उक्त प्रमाणपत्र बनाए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी आवेदन पर संदेह की स्थिति में वैरिफिकेशन संबंधित पटवारी से करवाएं। वैरिफिकेशन सही पाए जाने की स्थिति में संबंधित आवेदन पर स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रमाणपत्र जारी करें। उन्होंने कहा कि प्रमाणपत्र संबंधित तहसीलदार द्वारा ऑन लाइन जारी किया जाएगा। इसे सीएससी के माध्यम से बच्चों को दिया जाएगा। इस संबंध में उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी आशा मुंजाल को भी निर्देश दिए कि इन 88 स्कूलों में बच्चों को जो प्रमाणपत्र वांछित हैं उनकी सूची तैयार करते हुए पूरा डाटा सीएससी के संचालकों को उपलब्ध करवाएं। जल्द से जल्द इसकी एक सूची जिला प्रशासन को भी भेजें। उन्होंने कहा कि सीएससी के संचालकों को भी निर्देश दे दिए गए हैं कि इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाए। 1संबंधित तहसील में भेजेंगे फार्म : डीसी ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक संबंधित विद्यार्थियों द्वारा दिए गए फॉर्म को स्कैन करके संबंधित तहसील कार्यालय में भेजेंगे। उस कार्यालय में तहसीलदार अपने स्तर पर उन्हें सत्यापित करवाकर संबंधित प्रमाण-पत्र तैयार करेगा। जिला प्रशासन की यह एक ऐसी व्यवस्था है जिससे लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रमाण-पत्र उन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। इससे समय की बचत होगी और विजन ऑफ डिजिटल इंडिया की प्रेरक कड़ी में नए अध्यायों का सूत्रपात होगा। कॉमन सर्विस सेंटर के संचालकों को प्रति प्रमाण पत्र 30 रुपये दिए जाएंगे।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त गिरीश अरोड़ा, एसडीएम करनाल राजीव मेहता, एसडीएम इंद्री अश्विनी मलिक, एमडी शुगर मिल वर्षा खांगवाल, नगराधरीश सतीश कुमार, सचिव आरटीए योगेश कुमार, तहसीलदार अश्विनी गंभीर मौजूद रहे।
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