चुनावी ड्यूटी से स्कूलों में छुट्टी जैसा माहौल
कनीना : सितंबर माह से अब तक बार-बार चुनावी तैनातियां आने से स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो चला है। कई स्कूलों में तो 90 फीसद तक स्टाफ तैनाती पर रहा है तो कहीं कम रहा है। स्कूलों में अवकाश जैसा माहौल रहा है।
सितंबर माह से कभी एआरओ तो पुन: एआरओ, फिर रिहर्सल तो कभी मतदान के कारण सबसे अधिक तैनाती शिक्षकों की होने से स्कूलों में अवकाश जैसा माहौल बना हुआ है। महिला शिक्षक, दिव्यांग शिक्षकों की तैनाती न लगाए जाने के कारण वे तो स्कूल में मिलते हैं बाकी लगभग की तैनाती दूसरे चरण के मतदान में देखने को मिली थी। अब तीसरे चरण के मतदान के लिए 21 जनवरी को दूसरी रिहर्सल के दौरान भी स्कूलों की हालात बेहतर नहीं रही। कुछ शिक्षक तैनाती पर तो कुछ ऑन ड्यूटी का बहाना करके अपनी गाड़ियों में बैठकर चलते बनते हैं। आजकल बायोमीट्रिक मशीन द्वारा हाजिरी लगाने के बाद पुन: प्रस्थान के वक्त हाजिर होना पड़ता है। ऐसे में परेशान विद्यार्थी हो रहे हैं।एक ओर जहां स्कूलों में मंथली टेस्ट हो रहे हैं, वहीं फरवरी मार्च माह में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के चलते अभिभावक एवं विद्यार्थी परेशान हो चले हैं। उन्हें भी परीक्षा की ¨चता सताने लगी है। अभिभावकों का कहना है कि एक ओर सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम पहले ही कमजोर रहता आ रहा है वहीं सरकारी स्कूलों की तैनाती अधिक लगाकर उनके बच्चों के साथ न्याय नहीं किया जा रहा है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
Haryana election duty rules, Papers, model polling booth, election procedure, qualification for election, EVM Training video, valid boards for election candidates
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सितंबर माह से कभी एआरओ तो पुन: एआरओ, फिर रिहर्सल तो कभी मतदान के कारण सबसे अधिक तैनाती शिक्षकों की होने से स्कूलों में अवकाश जैसा माहौल बना हुआ है। महिला शिक्षक, दिव्यांग शिक्षकों की तैनाती न लगाए जाने के कारण वे तो स्कूल में मिलते हैं बाकी लगभग की तैनाती दूसरे चरण के मतदान में देखने को मिली थी। अब तीसरे चरण के मतदान के लिए 21 जनवरी को दूसरी रिहर्सल के दौरान भी स्कूलों की हालात बेहतर नहीं रही। कुछ शिक्षक तैनाती पर तो कुछ ऑन ड्यूटी का बहाना करके अपनी गाड़ियों में बैठकर चलते बनते हैं। आजकल बायोमीट्रिक मशीन द्वारा हाजिरी लगाने के बाद पुन: प्रस्थान के वक्त हाजिर होना पड़ता है। ऐसे में परेशान विद्यार्थी हो रहे हैं।एक ओर जहां स्कूलों में मंथली टेस्ट हो रहे हैं, वहीं फरवरी मार्च माह में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के चलते अभिभावक एवं विद्यार्थी परेशान हो चले हैं। उन्हें भी परीक्षा की ¨चता सताने लगी है। अभिभावकों का कहना है कि एक ओर सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम पहले ही कमजोर रहता आ रहा है वहीं सरकारी स्कूलों की तैनाती अधिक लगाकर उनके बच्चों के साथ न्याय नहीं किया जा रहा है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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