Haryana govt to chargesheet 160 HM & teachers for poor result
खराब रिजल्ट वाले टीचर होंगे चार्जशीट
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित 10वीं तथा 12वीं प्रथम सेमेस्टर परीक्षा परिणामों में सरकार के शिक्षा का स्तर सुधारने के दावों की पोल खुलने के बाद सरकार की आंखें अब खुली हैं और उसने भिवानी के 25 सहित प्रदेश के 250
स्कूलों के अध्यापकों व प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है। अध्यापक संगठनों ने सरकार के इस फैसले की निंदा की है।
शिक्षा विभाग की ओर से 0 से 5 प्रतिशत परिणाम वाले स्कूलों के अध्यापकों व प्राचार्यों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का फैसला लिया गया है। विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट पर 320 अध्यापकों व प्राचार्यों की छंटनी की है। इनमें से 160 को तुरंत प्रभाव से चार्जशीट किया जा रहा है, बाकी को दूसरे चरण में चार्जशीट किया जाएगा। विभाग द्वारा चार्जशीट किये जाने वाले अध्यापकों व प्राचार्यों की विभागीय जांच होगी, जिसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई तय होगी। गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी 12वीं व दसवीं प्रथम सेमेस्टर परिणामों में सरकारी स्कूलों के परिणाम अत्यधिक निराशाजनक रहे थे। प्रदेश में कुल 110 सरकारी स्कूलों में परीक्षा परिणाम 0 रहा है।
सरकार बोली था, हम करेंगे परिवर्तन: प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2014 में 10वीं तथा 12वीं के शर्मनाक परीक्षा परिणामों के बाद कहा था कि शिक्षा में सुधार के लिए भारी परिवर्तन किया जा रहा है, लेकिन प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा परिणामों पर नजर डाली जाए तो स्थिति पहले के मुकाबले ज्यादा खराब हुई है। जहां गत वर्ष 10वीं में 61 सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 0 प्रतिशत था वहीं अब की बार यह आंकड़ा 102 पर पहुंचा हैं। परिणामों को ध्यान में रखते हुए 19 जनवरी को शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को चंडीगढ़ तलब किया गया था और उनसे जिलावार खराब परीक्षा परिणाम स्कूलों का ब्योरा लिया गया था।
10वीं कक्षा की पास प्रतिशतता ज्यादा चिंताजनक
10वीं के 102 सरकारी स्कूलों में परीक्षा परिणाम 0 रहा है। सबसे आगे भिवानी रहा। यहां कुल 14 सरकारी स्कूलों में एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। यमुनानगर में 14,मेवात में 12,झज्जर में 8,पलवल में 7, सिरसा में 6, करनाल में 6, फरीदाबाद में 6, अंबाला में 5, रोहतक में 5, जींद में 4, पानीपत में 4, हिसार में 3, सोनीपत में 2, कुरुक्षेत्र में 2, पंचकूला में 2, रेवाड़ी में 2, कैथल में 1 स्कूल में एक भी छात्र पास नहीं हुआ। हालांकि महेन्द्रगढ़ में किसी भी सरकारी स्कूल का 10वीं का परीक्षा परिणाम 0 नहीं है।
12वीं कक्षा में 8 सरकारी स्कूलों का परिणाम जीरो
8 सरकारी स्कूलों में 0 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा है। रेवाड़ी के 2, फरीदाबाद में 1, फतेहाबाद में 1, झज्जर में 1, करनाल में 1, मेवात में 1, पलवल में 1 स्कूल में एक भी छात्र पास नहीं हुआ। यमुनानगर के 4 निजी स्कूलों का परिणाम 0 है। झज्जर में 2, भिवानी में 1, हिसार में 1, जींद में 1, कैथल में 1, कुरुक्षेत्र में 1, महेन्द्रगढ़ में 2, रेवाड़ी में 1 तथा सिरसा में 1 स्कूल का परिणाम 0 है।
सरकार चाहती है शिक्षा का भगवाकरण
“यह फैसला गलत है, सरकार शिक्षक वर्ग में आतंक फैलाना चाहती है ताकि अपने भगवा एजेंडे को आसानी से लागू कर सके। जब स्कूलों में गणित व विज्ञान विषय गेस्ट अध्यापकों से पढ़वाए जाएंगे तो अच्छे परिणाम की उम्मीद कैसे की जा सकती है। सरकार खाली पदों को तो भर नहीं रही और आरोप अध्यापकों पर मढ़ना चाहती है। “
-वजीर सिंह, अध्यक्ष हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ
ऐसे किया चयन
शिक्षा विभाग के अनुसार जिन स्कूलों के परीक्षा परिणाम 0 से 5 % तक रहे वहां के टीचर्स को छांटा गया है। जहां टीचर्स नहीं थे, वहां पद भरने का फैसला लिया गया। जहां प्राचार्यों की ढिलाई रही उन स्कूलों में प्राचार्यों से भी जवाबतलबी की जा रही है।
“विभागीय बैठक में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए खराब परिणाम देने वाले टीचर्स व प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया है। यह भी ध्यान में रखा गया है कि सरकारी स्कूलों में खराब परिणाम के अन्य क्या कारण रहे। “
- निर्मल श्योराण, जिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी
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स्कूलों के अध्यापकों व प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है। अध्यापक संगठनों ने सरकार के इस फैसले की निंदा की है।
शिक्षा विभाग की ओर से 0 से 5 प्रतिशत परिणाम वाले स्कूलों के अध्यापकों व प्राचार्यों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का फैसला लिया गया है। विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट पर 320 अध्यापकों व प्राचार्यों की छंटनी की है। इनमें से 160 को तुरंत प्रभाव से चार्जशीट किया जा रहा है, बाकी को दूसरे चरण में चार्जशीट किया जाएगा। विभाग द्वारा चार्जशीट किये जाने वाले अध्यापकों व प्राचार्यों की विभागीय जांच होगी, जिसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई तय होगी। गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी 12वीं व दसवीं प्रथम सेमेस्टर परिणामों में सरकारी स्कूलों के परिणाम अत्यधिक निराशाजनक रहे थे। प्रदेश में कुल 110 सरकारी स्कूलों में परीक्षा परिणाम 0 रहा है।
सरकार बोली था, हम करेंगे परिवर्तन: प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2014 में 10वीं तथा 12वीं के शर्मनाक परीक्षा परिणामों के बाद कहा था कि शिक्षा में सुधार के लिए भारी परिवर्तन किया जा रहा है, लेकिन प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा परिणामों पर नजर डाली जाए तो स्थिति पहले के मुकाबले ज्यादा खराब हुई है। जहां गत वर्ष 10वीं में 61 सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 0 प्रतिशत था वहीं अब की बार यह आंकड़ा 102 पर पहुंचा हैं। परिणामों को ध्यान में रखते हुए 19 जनवरी को शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को चंडीगढ़ तलब किया गया था और उनसे जिलावार खराब परीक्षा परिणाम स्कूलों का ब्योरा लिया गया था।
10वीं कक्षा की पास प्रतिशतता ज्यादा चिंताजनक
10वीं के 102 सरकारी स्कूलों में परीक्षा परिणाम 0 रहा है। सबसे आगे भिवानी रहा। यहां कुल 14 सरकारी स्कूलों में एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। यमुनानगर में 14,मेवात में 12,झज्जर में 8,पलवल में 7, सिरसा में 6, करनाल में 6, फरीदाबाद में 6, अंबाला में 5, रोहतक में 5, जींद में 4, पानीपत में 4, हिसार में 3, सोनीपत में 2, कुरुक्षेत्र में 2, पंचकूला में 2, रेवाड़ी में 2, कैथल में 1 स्कूल में एक भी छात्र पास नहीं हुआ। हालांकि महेन्द्रगढ़ में किसी भी सरकारी स्कूल का 10वीं का परीक्षा परिणाम 0 नहीं है।
12वीं कक्षा में 8 सरकारी स्कूलों का परिणाम जीरो
8 सरकारी स्कूलों में 0 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा है। रेवाड़ी के 2, फरीदाबाद में 1, फतेहाबाद में 1, झज्जर में 1, करनाल में 1, मेवात में 1, पलवल में 1 स्कूल में एक भी छात्र पास नहीं हुआ। यमुनानगर के 4 निजी स्कूलों का परिणाम 0 है। झज्जर में 2, भिवानी में 1, हिसार में 1, जींद में 1, कैथल में 1, कुरुक्षेत्र में 1, महेन्द्रगढ़ में 2, रेवाड़ी में 1 तथा सिरसा में 1 स्कूल का परिणाम 0 है।
सरकार चाहती है शिक्षा का भगवाकरण
“यह फैसला गलत है, सरकार शिक्षक वर्ग में आतंक फैलाना चाहती है ताकि अपने भगवा एजेंडे को आसानी से लागू कर सके। जब स्कूलों में गणित व विज्ञान विषय गेस्ट अध्यापकों से पढ़वाए जाएंगे तो अच्छे परिणाम की उम्मीद कैसे की जा सकती है। सरकार खाली पदों को तो भर नहीं रही और आरोप अध्यापकों पर मढ़ना चाहती है। “
-वजीर सिंह, अध्यक्ष हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ
ऐसे किया चयन
शिक्षा विभाग के अनुसार जिन स्कूलों के परीक्षा परिणाम 0 से 5 % तक रहे वहां के टीचर्स को छांटा गया है। जहां टीचर्स नहीं थे, वहां पद भरने का फैसला लिया गया। जहां प्राचार्यों की ढिलाई रही उन स्कूलों में प्राचार्यों से भी जवाबतलबी की जा रही है।
“विभागीय बैठक में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए खराब परिणाम देने वाले टीचर्स व प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया है। यह भी ध्यान में रखा गया है कि सरकारी स्कूलों में खराब परिणाम के अन्य क्या कारण रहे। “
- निर्मल श्योराण, जिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी
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चार्जशीट के घेरे में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षक
प्रदेशभर के खराब परीक्षा परिणाम आने वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी सख्त दिखाई दे रहे हैं। विभाग के अधिकारियों ने इन स्कूलों के शिक्षकों को चार्जशीट करने का मन बना लिया है। चार्जशीट के घेरे में वह स्कूल आ सकते हैं। जिनमें स्टाफ भी पूरा था और फिर भी परीक्षा परिणाम खराब आ गया। विभाग के अधिकारियों ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से उन स्कूलों की लिस्ट मांगी है।
फतेहाबाद जिले के 13 स्कूल ऐसे हैं जिनका परीक्षा परिणाम 5 प्रतिशत से कम रहा है। इसमें दसवीं के 11 व बारहवीं के दो स्कूल शामिल हैं।
इन स्कूलों के मुखियाओं को बीते दिन पंचकूला बीते दिन अतिरिक्त मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने तलब किया था। जहां सभी स्कूल मुखियाओं को फटकार लगाई गई। उनसे परीक्षा परिणाम खराब आने के कारणों के बारे में पूछा गया।
इन स्कूलों के मुखियाओं को बीते दिन पंचकूला बीते दिन अतिरिक्त मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने तलब किया था। जहां सभी स्कूल मुखियाओं को फटकार लगाई गई। उनसे परीक्षा परिणाम खराब आने के कारणों के बारे में पूछा गया।
इस दौरान स्कूल मुखियाओं ने स्टाफ की कमी समस्या बताई। इस कारणों को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए कि वह अपने - अपने इलाकों से इन स्कूलों की सूची बनाकर भेजे। सूची में किसी विषय में कितने बच्चे फेल और पास रहे हैं और विषय संबधित शिक्षक का नाम। अगर स्टाफ नहीं है तो उसके बारे में सूची बनाकर विभाग को भेजे। विभाग ने योजना बनाई है कि स्टाफ पूरा होने वाले के बाद भी परीक्षा परिणाम जिन स्कूल का खराब रहा है। उन स्कूलों के शिक्षकों को चार्जशीट के घेरे में लिया जा सकता है।
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इन अध्यापकों पर गिर सकती है गाज
गांव बलियाला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में एसओएस विषय एक सेक्शन 61 में से 17 व दूसरे सेक्शन 34 में से 10 बच्चे ही पास हुए। गणित 95 में से 9 बच्चे ही पास है। ¨हिदी में 61 में से 32 और अग्रेंजी में 95 में से 30 बच्चे ही पास है। जबकि इन्हें पढ़ाने वाले गणित अध्यापक मनोज मेहरा, अंग्रेजी अध्यापिका मंजू आर्य, एसओएस की कांता देवी व जगदीप, साईस के तोताराम है।
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इन अध्यापकों पर गिर सकती है गाज
गांव बलियाला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में एसओएस विषय एक सेक्शन 61 में से 17 व दूसरे सेक्शन 34 में से 10 बच्चे ही पास हुए। गणित 95 में से 9 बच्चे ही पास है। ¨हिदी में 61 में से 32 और अग्रेंजी में 95 में से 30 बच्चे ही पास है। जबकि इन्हें पढ़ाने वाले गणित अध्यापक मनोज मेहरा, अंग्रेजी अध्यापिका मंजू आर्य, एसओएस की कांता देवी व जगदीप, साईस के तोताराम है।
गांव गुरसर के राजकीय हाई स्कूल से गणित अध्यापक अभयराम, जगजितेंद्र ¨सिह, अग्रेजी की हर¨विद्र कौर, साईस के राकेश पर गिर सकती चार्जशीट के घेरे में आ सकते है।
इसी तरह गांव हड़ौली के राजकीय हाई स्कूल एसएसएम के रामकुमार व महेश कुमार, अंग्रेजी अध्यापक रामकुमार, गणित के मनोज कुमार , साईस के संदीप कुमार, ¨हिदी अध्यापिका सुमन।
गांव कमाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के खुशविद्र सिह, विनोद, अजीत कुमार, मोनिका।
गांव एमपी सोत्तर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से शशिबाला, मनिषा, हर¨मिद्र ¨सिह। इस स्कूल में सामाजिक पढ़ाने वाले अध्यापक का पद खाली है। सामाजिक में से 70 में से 6 बच्चे ही पास थे।
गांव के नागल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के रमनिश कौर, सुरेश कुमार, तनवीर ¨सह, वीरपाल। टोहाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नवनीत,, राज रानी, उषा, संतोष गुरलाल, कृष्ण, सुनीता, बलबीर, सुशील, कृष्ण, विजय, दीपक।
ढाणी डूल्ट के राजकीय हाई स्कूल के महेंद्र ¨सिह, पवन कुमार, मो¨हद्र ¨सिह। इस स्कूल में एसीटी विषय के शिक्षक का पद खाली है। इस कारण 25 से 5 बच्चे ही पास हुए हैं।
गावं इंदाछोई में 126 में से 6 बच्चे दसवीं में फेल है, लेकिन स्कूल मुखिया द्वारा विषय संबधित शिक्षकों के नाम नहीं भेजा गया।
गांव ठुईयां के सुरेंद्र ¨सिह। इस स्कूल में ¨हिदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक का पद खाली है। गांव दीवाना राजकीय हाई स्कूल के केशुराम। इसमें में भी ¨हिदी, अग्रेंजी, गणित, साईस विषय संबधित शिक्षकों के पद खाली थे।
गांव चंद्रकलां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के चरणजीत कौर, मनजीत कौर, विकास ¨सगला, मीनू ठकराल, मनजीत ¨सह, श्याम सुंदर, संजीव कुमार, राजेश कुमार।
वह लाधूवास के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विषय संबधित शिक्षकों की सूची नहीं भेजी गई। इन शिक्षकों को चार्जशीट के घेरे में विभाग ले सकता है।
यह बताई स्कूल मुखियाओं ने समस्या
जिन स्कूल में अध्यापक पूरे थे। उन स्कूल के मुखियाओं ने बताया है कि विभाग ने शिक्षकों को डेपूटेशन पर लगा कर रखा है। तीन दिन यहां तो तीन दिन दूसरे स्कूलों में उन्हें जाना पड़ता है। इस कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।
जिन स्कूल में अध्यापक पूरे थे। उन स्कूल के मुखियाओं ने बताया है कि विभाग ने शिक्षकों को डेपूटेशन पर लगा कर रखा है। तीन दिन यहां तो तीन दिन दूसरे स्कूलों में उन्हें जाना पड़ता है। इस कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।
जिन स्कूलों में स्टाफ पूरा था। इसके बाद परीक्षा परिणाम खराब रहा है। उस स्कूलों के विषय संबधित उन शिक्षकों के नाम। किस विषय में कितने बच्चे फेल हुए है। विभाग ने यह जानकारी उनसे मांगी है। विभाग इन शिक्षकों पर चार्जशीट करने की योजना बना रहा है।
डॉ. यज्ञदत्त वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद।
डॉ. यज्ञदत्त वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद।
Alarmed by poor academic results, the Haryana government has decided to wield a stick on teachers of schools whose results were extremely poor in the first semester examinations of Classes 10 and 12.
The school education department has started the process to chargesheet 160 lectures and trained graduate teachers (TGTs) for poor result in the first-semester exam of the current academic session held by the Board of School Education, Haryana. The action is being initiated against teachers whose result was less than 5%. They belong to secondary and senior secondary schools in Ambala, Yamunanagar, Panchkula, Kaithal, Fatehabad, Sirsa and some other districts.
“The chargesheets will be issued in a day or two. The objective is to bring an improvement,” director, secondary education, ML Kaushik told HT. The department took the decision to take action against these teachers in a performance review meeting where additional chief secretary, school education, Keshni Anand Arora took to task the principals and headmasters of such schools last week. The number of teachers against whom action is being initiated could go up as a similar meeting of principals and headmasters of schools in the remaining districts has been called later this week.
The school education department has started the process to chargesheet 160 lectures and trained graduate teachers (TGTs) for poor result in the first-semester exam of the current academic session held by the Board of School Education, Haryana. The action is being initiated against teachers whose result was less than 5%. They belong to secondary and senior secondary schools in Ambala, Yamunanagar, Panchkula, Kaithal, Fatehabad, Sirsa and some other districts.
“The chargesheets will be issued in a day or two. The objective is to bring an improvement,” director, secondary education, ML Kaushik told HT. The department took the decision to take action against these teachers in a performance review meeting where additional chief secretary, school education, Keshni Anand Arora took to task the principals and headmasters of such schools last week. The number of teachers against whom action is being initiated could go up as a similar meeting of principals and headmasters of schools in the remaining districts has been called later this week.
In the Class-10 exam, the overall pass percentage was merely 35%, with private schools reporting pass percentage of 46% against 26% in government schools. The pass percentage in the senior secondary exam (Class 12) was somewhat better at 57%.
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