जाट, जट सिख, बिश्नोई, रोड और त्यागी जातियों को आरक्षण - सर्वेक्षण जांच

प्रदेश सरकार करवा सकती है जांच

पिछली सरकार के दौरान जाट, जट सिख, बिश्नोई, रोड और त्यागी जातियों को आरक्षण देने से पहले हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वेक्षण कराया था। यह सर्वेक्षण पहले तो चंडीगढ़ स्थित क्रिड संस्था से कराया गया मगर बाद में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कराया गया। इस सर्वेक्षण के आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने इन जातियों को आरक्षण देने की सिफारिश की थी। सरकार ने इन पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग की र्शेणी बनाकर 10 फीसदी आरक्षण दिया था जबकि अनारक्षित जातियों के गरीब वर्ग के लोगों के लिए भी अलग से 10 फीसदी आरक्षण दिया था। हालांकि अभी यह मामला पंजाब एवं हरियाणा उगा न्यायालय में लंबित है। मगर इसी बीच रोहतक अदालत में एक व्यक्ति ने मामला दायर कर दावा किया है कि आरक्षण देने से पहले सर्वेक्षण सही तरीके से नहीं किया गया था।
डाटा तैयार करने में कुछ तिकड़मबाजी
जाट आरक्षण के लिए जो डाटा तैयार किया गया था, उसके बारे में एक व्यक्ति अदालत में भी चला गया है कि डाटा तैयार करने में कुछ तिकड़मबाजी (मैनिपुलेशन) की गई थी। हम उसकी छानबीन कराएंगे। ठीक डाटा के आधार पर ठीक निर्णय हो, हम यह चाहेंगे। किसी गलत डाटा के आधार पर कोई निर्णय कराने की मानसिकता ठीक नहीं है। जाट आरक्षण का विषय केंद्र से भी जुड़ा है। मुझे कुछ नेताओं के पत्र इस संदर्भ में मिले हैं। उन्होंने अपने तर्क दिए हैं। हमारे साथ भी उनकी बातचीत चल रही है। हम नहीं चाहते कि किसी एक वर्ग के लाभ के लिए किसी दूसरे वर्ग को कोई कठिनाई हो, कोई हानि हो। सभी वगरें का समन्वय और उनका तालमेल बैठाकर इन समस्याओं का हल निकाला जाएगा चाहे वह आरक्षण तय करके अथवा बिना आरक्षण के। लेकिन किसी के साथ भी अन्याय न हो आर्थिक तौर पर समाज का जितना भी पिछड़ा वर्ग है, उसको सबको आगे बढ़ाने की हमारी मानसिकता है। हम उस पर काम कर रहे हैं।
डॉ. सुरेंद्र धीमान. चंडीगढ़
जाट आरक्षण पर फिर सर्वे की तैयारी
-मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा (जाट आरक्षण पर शुक्रवार को दी गई प्रतिक्रिया।
कांग्रेस शासनकाल में जाटों समेत पांच जातियों को आरक्षण देने के लिए जो सर्वेक्षण कराया गया था, मौजूदा भाजपा सरकार उसकी जांच करा सकती है। जाट आरक्षण के लिए जाट संगठनों ने जो 15 फरवरी, 2016 से आंदोलन करने की घोषणा की है, सरकार उस पर भी सख्त हो गई है। अगर किसी ने आंदोलन के दौरान कानून हाथ में लिया तो सरकार सख्ती से निपटेगी। जाट आरक्षण पर सरकार सख्त हो गई है और जाट आंदोलन से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि डाटा तैयार करने में कुछ तिकड़मबाजी (मैनिपुलेशन) की गई थी। हम उसकी छानबीन कराएंगे।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला ने भी जाटों को आरक्षण दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है। जाट संगठन लगातार आरक्षण की मांग कर रहे हैं जबकि कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी विरोध कर रहे हैं। मगर अब अगले महीने 15 फरवरी से जाट संगठनों ने आंदोलन की घोषणा कर दी है जिससे यह आंदोलन काफी संवेदनशील रहने की संभावना है।


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