अदालत ने साफ कहा कि अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा दाखिलों के लिए पहले से तय मापदंडों के आधार पर ही नर्सरी दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। दाखिला प्रक्रिया में अदालत के अंतिम आदेश ही प्रभावी माने जाएंगे।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति पर कई सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि निजी स्कूलों में भीड़ इसलिए है, क्योंकि सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा नहीं है। सरकार क्यों नहीं सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार करती। सरकारी स्कूलों में प्रबंधन क्यों खराब है। आप पहले अपने घर में सुधार करें फिर निजी स्कूलों की तरफ रुख करें। अदालत ने शाकाहारी, धूमपान व शराब न पीने आदि को छोड़कर अन्य सभी 62 कोटे खत्म करने पर सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि सरकार आखिरी समय पर ऐसे आदेश क्यों देती है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति पर कई सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि निजी स्कूलों में भीड़ इसलिए है, क्योंकि सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा नहीं है। सरकार क्यों नहीं सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार करती। सरकारी स्कूलों में प्रबंधन क्यों खराब है। आप पहले अपने घर में सुधार करें फिर निजी स्कूलों की तरफ रुख करें। अदालत ने शाकाहारी, धूमपान व शराब न पीने आदि को छोड़कर अन्य सभी 62 कोटे खत्म करने पर सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि सरकार आखिरी समय पर ऐसे आदेश क्यों देती है।
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