पहले सरकारी स्कूलों की हालत सुधारे सरकार : हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार व शिक्षा निदेशालय से मांगा जवाब

नई दिल्ली : नर्सरी दाखिले में निजी स्कूलों का प्रबंधन कोटा खत्म करने के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि सरकार इस तरह आदेश पारित कर निजी स्कूलों की स्वायत्तता को खत्म नहीं कर सकती है। सरकार पहले खस्ताहाल सरकारी स्कूलों को दुरुस्त करे। अगर इनकी हालत में सुधार हुआ होता तो निजी स्कूलों में दाखिले की इस तरह मारामारी नहीं होती। पीठ ने दिल्ली सरकार व शिक्षा निदेशालय से मामले में 25 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
अदालत ने साफ कहा कि अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा दाखिलों के लिए पहले से तय मापदंडों के आधार पर ही नर्सरी दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। दाखिला प्रक्रिया में अदालत के अंतिम आदेश ही प्रभावी माने जाएंगे।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति पर कई सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि निजी स्कूलों में भीड़ इसलिए है, क्योंकि सरकारी स्कूलों का स्तर अच्छा नहीं है। सरकार क्यों नहीं सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार करती। सरकारी स्कूलों में प्रबंधन क्यों खराब है। आप पहले अपने घर में सुधार करें फिर निजी स्कूलों की तरफ रुख करें। अदालत ने शाकाहारी, धूमपान व शराब न पीने आदि को छोड़कर अन्य सभी 62 कोटे खत्म करने पर सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि सरकार आखिरी समय पर ऐसे आदेश क्यों देती है।
गौरतलब है कि राजधानी के करीब 400 निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी व फोरम फॉर प्रमोशन ऑफ क्वालिटी एजुकेशन फॉर ऑल ने अदालत में अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाओं में शिक्षा निदेशालय के उस आदेश को रद करने का आग्रह किया गया है, जिसमें प्रबंधन कोटा को खत्म किया गया है। याचिकाकर्ता के वकील कमल गुप्ता के अनुसार सरकार के पास निजी स्कूलों के लिए इस तरह का आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है। निजी स्कूल में दाखिला किस आधार पर हो, इसका पूरा अधिकार प्रबंधन रखता है। गांगुली कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि निजी स्कूलों की स्वायत्तता को सरकार किस आधार पर खत्म कर सकती है,www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)

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