अब स्टूडेंट्स को मिलेगी पसंद के विषय पढने की आजादी
केयू में शैक्षणिक सत्र 2016 से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सीबीसीएस शुरू होगा
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2016 से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सीबीसीएस शुरू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कैंपस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को फैकल्टी में अपनी पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी। इसके बाद विद्यार्थियों के अंक भी हरियाणा विद्यालय शिक्षण बोर्ड भिवानी की तरह ग्रेड में आएंगे, जिसके चलते अंकों की प्रतिशत का मामला खत्म हो जाएगा। सीबीसीएस के माध्यम से साइंस के विद्यार्थी अपनी पसंद के अन्य विषय और आर्ट्स के विद्यार्थी अपनी पसंद के दूसरे विषयों को पढ़ सकेंगे। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने के लिए केयू प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
केयू रजिस्ट्रार डॉ. प्रवीण सैनी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पहचान बनाने के लिए इस तरह की पहल जरूरी है। उन्होंने कहा कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लागू होने से विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को खड़ा करने का मौका मिलेगा।
विद्यार्थियों को यह होगा फायदा
वर्तमान में फिजिक्स के विद्यार्थी केवल फिजिक्स के विषयों को ही पढ़ पाते हैं। वहीं, आर्ट्स के विद्यार्थी भी अपने कोर्स के विषयों को ही पढ़ते हैं। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अमल में आने के बाद विद्यार्थी अपने विषयों के साथ ही अपनी फैकल्टी में से अपनी पसंद का विषय भी पढ़ पाएंगे। इससे विद्यार्थियों की दूसरे विषयों की जानकारी भी बढ़ेगी। वहीं उन्हें रोजगार प्राप्त करने में लाभ मिलेगा। इसके अलावा जो विद्यार्थी अपनी आगे की पढ़ाई विदेशों में करना चाहते हैं, उन्हें भी इसका लाभ होगा। विदेशों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम है। जिसके चलते विद्यार्थियों को विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने में परेशानी नहीं होगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए पहल जरूरी : सैनी
भविष्य में और व्यापक होगा केयूके डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. अनिल वोहरा ने बताया कि भविष्य में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और व्यापक होगा, जिसकी बदौलत साइंस के विद्यार्थी अपनी पसंद के आर्ट्स आर्ट्स के विद्यार्थी अपनी पसंद के साइंस विषयों को चुन सकेंगे। फिलहाल विद्यार्थियों को अपनी फैकल्टी में से ही दूसरे विषयों को चुनने की आजादी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को पूरी तरह अपनाने के लिए संसाधन बढ़ाने की जरूरत है।
सबसे पहले 2004 में हुई शुरुआत यूआईईटीके निदेशक प्रो. सुनील ढींगड़ा ने बताया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम की शुरुआत 2004 में इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग में हुई थी। इसमें 240 विद्यार्थियों पर इसे लागू किया गया। इसके बाद केयू के यूआईईटी संस्थान में पांच साल पहले एमटेक और इसके बाद 2014 में यूआईईटी के अन्य कोर्स में भी सीबीसीएस को लागू कर दिया गया। अब इसे यूनिवर्सिटी कैंपस में लागू किया जाएगा।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
केयू में शैक्षणिक सत्र 2016 से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सीबीसीएस शुरू होगा
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2016 से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सीबीसीएस शुरू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कैंपस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को फैकल्टी में अपनी पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी। इसके बाद विद्यार्थियों के अंक भी हरियाणा विद्यालय शिक्षण बोर्ड भिवानी की तरह ग्रेड में आएंगे, जिसके चलते अंकों की प्रतिशत का मामला खत्म हो जाएगा। सीबीसीएस के माध्यम से साइंस के विद्यार्थी अपनी पसंद के अन्य विषय और आर्ट्स के विद्यार्थी अपनी पसंद के दूसरे विषयों को पढ़ सकेंगे। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने के लिए केयू प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
केयू रजिस्ट्रार डॉ. प्रवीण सैनी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पहचान बनाने के लिए इस तरह की पहल जरूरी है। उन्होंने कहा कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लागू होने से विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को खड़ा करने का मौका मिलेगा।
विद्यार्थियों को यह होगा फायदा
वर्तमान में फिजिक्स के विद्यार्थी केवल फिजिक्स के विषयों को ही पढ़ पाते हैं। वहीं, आर्ट्स के विद्यार्थी भी अपने कोर्स के विषयों को ही पढ़ते हैं। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अमल में आने के बाद विद्यार्थी अपने विषयों के साथ ही अपनी फैकल्टी में से अपनी पसंद का विषय भी पढ़ पाएंगे। इससे विद्यार्थियों की दूसरे विषयों की जानकारी भी बढ़ेगी। वहीं उन्हें रोजगार प्राप्त करने में लाभ मिलेगा। इसके अलावा जो विद्यार्थी अपनी आगे की पढ़ाई विदेशों में करना चाहते हैं, उन्हें भी इसका लाभ होगा। विदेशों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम है। जिसके चलते विद्यार्थियों को विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने में परेशानी नहीं होगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए पहल जरूरी : सैनी
भविष्य में और व्यापक होगा केयूके डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. अनिल वोहरा ने बताया कि भविष्य में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और व्यापक होगा, जिसकी बदौलत साइंस के विद्यार्थी अपनी पसंद के आर्ट्स आर्ट्स के विद्यार्थी अपनी पसंद के साइंस विषयों को चुन सकेंगे। फिलहाल विद्यार्थियों को अपनी फैकल्टी में से ही दूसरे विषयों को चुनने की आजादी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को पूरी तरह अपनाने के लिए संसाधन बढ़ाने की जरूरत है।
सबसे पहले 2004 में हुई शुरुआत यूआईईटीके निदेशक प्रो. सुनील ढींगड़ा ने बताया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम की शुरुआत 2004 में इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग में हुई थी। इसमें 240 विद्यार्थियों पर इसे लागू किया गया। इसके बाद केयू के यूआईईटी संस्थान में पांच साल पहले एमटेक और इसके बाद 2014 में यूआईईटी के अन्य कोर्स में भी सीबीसीएस को लागू कर दिया गया। अब इसे यूनिवर्सिटी कैंपस में लागू किया जाएगा।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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