स्कूली बच्चों की फीस वृद्धि और अमान्य मदों में फीस वसूली के विवाद में शिक्षा निदेशालय ने शहर के सबसे बड़े व प्रतिष्ठित दयाल सिंह पब्लिक स्कूल (सेक्टर-7) की मान्यता और अनापत्ति प्रमाण पत्र को एक अप्रैल 2016 से वापिस लेने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा स्कूल मैनेजमेंट को अगले शैक्षणिक सत्र में कोई एडमिशन नहीं करने के लिए भी कहा है। इस बारे में स्कूल प्रबंधन ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
शहर के प्रतिष्ठित स्कूल दयाल सिंह स्कूल को पंचकूला स्थित शिक्षा निदेशालय द्वारा बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इस स्कूल की मान्यता रद्द की गई है। आदेशो में साफ़—साफ़ लिखा गया कि यह स्कूल आने वाले नए सत्र एक अप्रैल से बच्चों के दाखिले नहीं लेगाा। इस आदेश के बाद दयाल सिंह स्कूल प्रशासन में हडकम्प मचा हुआ है। स्कूल के मुख्य द्वार पर नो एडमिशन का स्टीकर चिपका दिया गया है। स्कूल के करीब ढाई हजार बच्चों के भविष्य पर भी तलवार लटक गई है। इस कार्रवाई से अभिभावक मंच को राहत मिली है। ढाई हजार बच्चों के मां—बाप की परेशानी बढ़ गई है।
इन आदेशों के बाद जिला अतिरिक्त उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने बताया कि अभी तक उनके पास कोई सूचना नहीं है। उन्होंने यह जरूर बताया कि इस स्कूल की जांच के लिए कुछ दिन पहले सीबीएससीई से एक कमेटी आई थी। स्कूल के खिलाफ शिकायतों का मामला पिछले कई सालों से चल रहा था।
http://haryana.punjabkesari.in/karnal/news/directorate-of-education-increase-fees-invalid-item-recognition-no-admission-441326
करनाल के सबसे बड़े व प्रतिष्ठित स्कूल को मनमाने ढंग से फीसवृद्धि और अमान्य मदों में फीस वसूली करनी आखिर कार पड़ी महंगी , दयाल सिंह पब्लिक स्कूल सैक्टर 7 की एनओसी सेकेंडरी एजुकेशन हरियाणा ने विड्रा करने के आदेश किये जारी , हजारों बच्चों के भविष्य पर लटकी तलवार दयाल सिंह पब्लिक स्कूल को जोर का झटका मान्यता रद्द
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