आंगनवाड़ी केंद्रों में शीत व ग्रीष्मकालीन अवकाश की मांग
जागरण संवाददाता, झज्जर :लघु सचिवालय परिसर में मंगलवार को मांगों को लेकर आंगनवाड़ी वर्कर एंड हैल्पर यूनियन, संबंधित हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंपलाइज फैडरेशन आफ इंडिया की बैठक हुई। राज्य प्रधान छोटा गहलावत की अध्यक्षता में हुई बैठक का संचालन सचिव सुरेश बेरी ने किया। राज्य प्रधान ने कहा कि सत्ता परिवर्तन होते ही समय पर न तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं मानदेय मिलता है और न ही ईंधन, पिसाई, सब्जि व मसालों के पैसे। सप्लाई में मिलने वाला राशन भी निश्चित समय तक व पूरा केंद्रों तक नहीं पहुंचता है। सत्ता पर काबिज होने से पूर्व तो भाजपा नेताओं द्वारा तरह-तरह के वादे किये जा रहे थे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सरकार कर्मचारी का दर्जा देने की मांग आज भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि यूनियन की ओर से बार-बार महिला एवं बाल विकास मंत्री को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है, लेकिन आज भी उनकी मांगें सिर्फ मांगें ही बनी हुई हैं। मांगें पूरी करनी की बजाए सरकार इस योजना के निजीकरण करने पर ही तुली हुई है जिसके चलते एसोसिएशन नाराज है। छोटा गहलोत ने कहा कि सरकार की ओर से स्कूली बच्चों के लिए शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किए जाते है, क्या आंगनवाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चे नहीं होते। उनकी मांग है कि स्कूलों की तर्ज पर ही आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश की घोषणा की जाए। उन्होने कहा कि पिछले 10 माह से आंगनवाड़ी केंद्रों को माताओं व बच्चों के पंजीकरण के लिए रजिस्टर्ड भी मुहैया नहीं करवाए जा रहे है जिसके कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। बैठक को राजवंती डीघल, सुनीता, विद्या, अनिता, सुनीता छुड़ानी आदि ने सभी संबोधित किया और जमकर सरकार को कोसा। बैठक के उपरांत एसोसिएशन पदाधिकारियों को उपायुक्त के नाम मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपाये हैं प्रमुख मांगेउपायुक्त के नाम दिए ज्ञापन में एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि आंगनवाड़ी केंद्रों को मार्च 2014 से आज तक ईंधन, पिसाई का पैसा नहीं मिला है जो तुरंत प्रभाव से दिलवाया जाए। सभी केंद्रों का किराया भवन अनुसार 3000 से 4000 रुपये दिलवाया जाए और स्कूलों की तर्ज पर ही आंगनवाड़ी केंद्रों पर अवकाश की घोषणा हो। सप्लाई में मिलने वाला राशन समय पर और तोल में पूरा होना चाहिए। गैस रिफिल के लिए पैसा चैक की बजाए नकद दिया जाए, चैक के माध्यम से हुए भुगतान में आंगनवाड़ी वर्कर का पैसा कटता है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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