22 राज्यों के निजी स्कूल संचालक जंतर-मंतर पर करेंगे प्रदर्शन
कैथल-प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में शिक्षा का स्तर सुधारना चाहती है तो एजुकेशन वाउचर प्रणाली लागू करे। आरटीई की बजाय आरटीक्यूई एक्ट बनाया जाए यानि राइट टू एजुकेशन की जगह राइट टू क्वालिटी एजुकेशन लागू किया जाए। आरटीई से शिक्षा का स्तर सुधरा नहीं, बल्कि खराब हुआ है। इस एक्ट के लागू होने के बाद देश भर में एक लाख से ज्यादा प्राइवेट स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। प्राइवेट स्कूलों की मांगों को लेकर 24 फरवरी को 22 राज्यों के पांच हजार से ज्यादा प्राइवेट स्कूल संचालक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। शर्मा मंगलवार को सनातन धर्म मंदिर सभा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा कार्यालय भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं। जिला शिक्षा अधिकारी का पद खत्म करके क्वालिटी एजुकेशन आफिसर नियुक्त किए जाने चाहिए। आज तक किसी डीईओ ने स्कूल में जाकर किसी कक्षा को नहीं पढ़ाया। शर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों पर सरकार दबाव बढ़ा रही है। स्कूलों की स्वायतता पर हस्तक्षेप बढ़ा तो प्राइवेट स्कूल ध्वस्त हो जाएंगे। स्कूलों पर कामर्शियल और इंडस्ट्रीयल कानून लागू किए जा रहे हैं, जिसे हटाया जाए। सरकार को ड्यूल शिक्षा प्रणाली को खत्म करना चाहिए, जिसमें बोर्ड स्कूलों की इंस्पेक्शन करते हैं। इंस्पेक्शन करना बोर्ड का काम नहीं है, बल्कि उसका काम परीक्षाओं का आयोजन करना है।
बॉक्स-1
प्रधानमंत्री, मानव संसाधन
मंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
शर्मा ने कहा कि 24 फरवरी को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी को मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसके अलावा हर राज्य के शिक्षा मंत्रियों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। 13 फरवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्राइवेट स्कूलों से अच्छे नतीजों के बारे में टिप्स जानेंगे। इससे पहले सरकार को यह भी स्वीकार करना चाहिए कि प्राइवेट स्कूल अच्छा काम कर रहे हैं।www.facebook.com/teacherharyana
www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news
(Recruitment , vacancy , job , news)उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा कार्यालय भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं। जिला शिक्षा अधिकारी का पद खत्म करके क्वालिटी एजुकेशन आफिसर नियुक्त किए जाने चाहिए। आज तक किसी डीईओ ने स्कूल में जाकर किसी कक्षा को नहीं पढ़ाया। शर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों पर सरकार दबाव बढ़ा रही है। स्कूलों की स्वायतता पर हस्तक्षेप बढ़ा तो प्राइवेट स्कूल ध्वस्त हो जाएंगे। स्कूलों पर कामर्शियल और इंडस्ट्रीयल कानून लागू किए जा रहे हैं, जिसे हटाया जाए। सरकार को ड्यूल शिक्षा प्रणाली को खत्म करना चाहिए, जिसमें बोर्ड स्कूलों की इंस्पेक्शन करते हैं। इंस्पेक्शन करना बोर्ड का काम नहीं है, बल्कि उसका काम परीक्षाओं का आयोजन करना है।
बॉक्स-1
प्रधानमंत्री, मानव संसाधन
मंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment