चंडीगढ़: भाजपा सरकार द्वारा पीजीटी व टीजीटी शिक्षकों की रेगुलर भर्ती में गैस्ट टीचर्स को एडजस्ट करने के उद्देश्य से 8 साल के टीचिंग अनुभव के 16 अंक देने के निर्णय पर अब हाईकोर्ट ने सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब तलब किया है। अध्यापक पात्रता परीक्षा पास अनीता व 22 अन्य पात्र अध्यापकों ने सरकार द्वारा रेगुलर शिक्षक भर्ती में टीचिंग अनुभव के नाम पर अत्यधिक 16 अंक दिए जाने को सविंधान की धारा 14 व 16 का उल्लंघन बताते हुए एक याचिका दायर की है। जिस पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार, शिक्षा विभाग व हरियाणा स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि रेगुलर शिक्षक भर्ती में सिर्फ गैस्ट टीचर्स को ज्यादा से ज्यादा एडजेस्ट करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने 8 साल के टीचिंग अनुभव के 16 अंक देने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ताओं की और से अधिवक्ता जगबीर मलिक ने बहस करते हुए कहा कि वर्ष 2009 में भी तत्कालीन हुड्डा सरकार ने गैस्ट टीचर्स को बैक डोर से रेगुलर करने के उद्देश्य से उनको अनुभव के 24 अंक व अध्यापक पात्रता परीक्षा में विशेष छूट दी थी जिसे पहले हाईकोर्ट ने व बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी रद्द करते हुए सरकार के उस निर्णय पर कड़ी टिप्पणियॉ की थी। अब फिर से भाजपा सरकार गैस्ट टीचर्स के दबाव में उनको रेगुलर भर्ती में एडजेस्ट करने के लिए 8 साल के टीचिंग अनुभव के 16 अंक देने जा रही है क्योकि सभी गैस्ट टीचर्स को 8 साल पुरे हो चुके है इसलिए उनके 16 अंक तो पक्के हो ही गए है जबकि अन्य अनुभव न रखने वाले उम्मीदवारों को इससे भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर होना पड़ेगा। अगर 20 पदों के लिए कुल 40 उम्मीदवार दावेदार हो और उनमे से 20 उम्मीदवारों के पास 8 साल का टीचिंग अनुभव है तो अनुभव के 16 अंकों के बुते उन 20 उम्मीदवारों का ही चयन हो जायेगा और बगैर अनुभव वाले अन्य योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित हो जायेगें। हाईकोर्ट में यह भी तथ्य रखा गया कि हरियाणा सरकार अन्य विभागों में तो 8 साल के कार्य अनुभव के सिर्फ 8 अंक दे रही है जबकि शिक्षक भर्ती में सिर्फ गैस्ट टीचर्स को एडजेस्ट करने की मंशा से 8 साल के अनुभव के दुगुने यानि 16 अंक दे रही है। याचिका में यह तथ्य भी दिया गया है कि विगत शिक्षक भर्ती में भी गैस्ट टीचर्स को एडजेस्ट करने के उद्देश्य से 4 साल के अनुभव के आधार पर बिना एचटेट व बी.एड योग्यता वाले उम्मीदवारों को मौका दिया गया था और मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में अब फिर से 16 अंकों के नाम पर गैस्ट टीचर्स को गैरवाजिब लाभ देना योग्य उम्मीदवारों से भारी अन्याय है। मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस रितु बाहरी की बेंच ने सबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 29 अप्रैल तक जवाब तलब किया है।
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