उपद्रवियों पर लगेगा रासुका, 6 महीने तक जमानत नहीं
सावधान! हरियाणा में आंदोलन करें, लेकिन शांतिपूर्वक। अगले तीन महीने तक किसी भी तरह के सड़क रोकने, भड़काऊ भाषण देने वालों की अब खैर नहीं। कोई भी ऐसा करता पाया गया तो उसे सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत नज़रबंद कर दिया जाएगा। छह महीने तक जमानत भी नहीं मिलेगी। पिछले महीने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हाथ जला चुकी खट्टर सरकार अब कोई जोखिम उठाने के मूड़ में में नहीं है। सरकार ने सभी जिलाधीशों (डीसी) को रासुका की शक्तियां प्रदान कर दी हैं। इसके तहत डीसी अपने अधिकार क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए ऐसे किसी भी नेता या व्यक्ति को नज़रबंद कर सकते हैं, जिनकी वजह से शांति भंग हो सकती है। यही नहीं, उपायुक्त धारा-144 भी लगवा सकते हैं।
रासुका लागू होने के बाद किसी भी उपद्रवी को बिना एफआईआर के पकड़ा जा सकता है।
सभी जिला उपायुक्तों को रासुका की शक्तियां दी गई हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अगर डीसी को लगेगा तो वे अपने क्षेत्र में रासुका लगा सकेंगे। अर्द्ध-सैनिक बलों की भी 100 कंपनियां राज्य में बुलाई गई हैं। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
-पीके दास, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
जाट आरक्षण विधेयक पर नहीं बनी सहमति
इधर, जाट आरक्षण विधेयक भी लटक गया है। बुधवार को विधेयक पेश होना था लेकिन नहीं हो सका। सरकार जाट, जट सिख, त्यागी, रोड़ व बिश्नोई जाति के लोगों को बीसी-सी की नई कैटेगरी बनाकर 10 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिसमूह की बैठक के दौरान कई मंत्रियों ने आपत्ति जताई। अब बृहस्पतिवार को भी जाट आरक्षण विधेयक पेश नहीं हो सकेगा
अर्धसैनिक बल की 100 कंपनियां मंगाईअपनी विभिन्न मांगों को लेकर जाट एवं खाप नेताओं ने चौदह मार्च को 72 घंटे का अल्टीमेटम सरकार को दिया था। बृहस्पतिवार को यह अल्टीमेटम पूरा हो रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार के पास आंदोलन भड़कने की रिपोर्ट है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र से पैरा-मिल्ट्री फोर्स की 100 कंपनियां मांग ली हैं। ये कंपनियां बृहस्पतिवार सुबह से ही राज्य में आनी शुरू हो जाएंगी।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news (Recruitment , vacancy , job , news)
सावधान! हरियाणा में आंदोलन करें, लेकिन शांतिपूर्वक। अगले तीन महीने तक किसी भी तरह के सड़क रोकने, भड़काऊ भाषण देने वालों की अब खैर नहीं। कोई भी ऐसा करता पाया गया तो उसे सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत नज़रबंद कर दिया जाएगा। छह महीने तक जमानत भी नहीं मिलेगी। पिछले महीने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हाथ जला चुकी खट्टर सरकार अब कोई जोखिम उठाने के मूड़ में में नहीं है। सरकार ने सभी जिलाधीशों (डीसी) को रासुका की शक्तियां प्रदान कर दी हैं। इसके तहत डीसी अपने अधिकार क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए ऐसे किसी भी नेता या व्यक्ति को नज़रबंद कर सकते हैं, जिनकी वजह से शांति भंग हो सकती है। यही नहीं, उपायुक्त धारा-144 भी लगवा सकते हैं।
रासुका लागू होने के बाद किसी भी उपद्रवी को बिना एफआईआर के पकड़ा जा सकता है।
सभी जिला उपायुक्तों को रासुका की शक्तियां दी गई हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अगर डीसी को लगेगा तो वे अपने क्षेत्र में रासुका लगा सकेंगे। अर्द्ध-सैनिक बलों की भी 100 कंपनियां राज्य में बुलाई गई हैं। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
-पीके दास, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
जाट आरक्षण विधेयक पर नहीं बनी सहमति
इधर, जाट आरक्षण विधेयक भी लटक गया है। बुधवार को विधेयक पेश होना था लेकिन नहीं हो सका। सरकार जाट, जट सिख, त्यागी, रोड़ व बिश्नोई जाति के लोगों को बीसी-सी की नई कैटेगरी बनाकर 10 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिसमूह की बैठक के दौरान कई मंत्रियों ने आपत्ति जताई। अब बृहस्पतिवार को भी जाट आरक्षण विधेयक पेश नहीं हो सकेगा
अर्धसैनिक बल की 100 कंपनियां मंगाईअपनी विभिन्न मांगों को लेकर जाट एवं खाप नेताओं ने चौदह मार्च को 72 घंटे का अल्टीमेटम सरकार को दिया था। बृहस्पतिवार को यह अल्टीमेटम पूरा हो रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार के पास आंदोलन भड़कने की रिपोर्ट है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र से पैरा-मिल्ट्री फोर्स की 100 कंपनियां मांग ली हैं। ये कंपनियां बृहस्पतिवार सुबह से ही राज्य में आनी शुरू हो जाएंगी।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news (Recruitment , vacancy , job , news)
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