हुड्डा काल में बने माधवन आयोग ने सरकार को सौंपी गोलमोल रिपोर्ट
राज्य के कर्मचारी काफी लंबे समय से पंजाब के समान वेतनमान देने की मांग करते आ रहे हैं। आयोग की दलील है कि सरकार ने सिर्फ दोनों राज्यों के वेतनमान व भत्तों की तुलना कर रिपोर्ट देने को कहा था। इसलिए पंजाब के समान वेतनमान देने की सीधे सिफारिश नहीं की जा सकती थी। अब फैसला सरकार को लेना है।
जी माधवन हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। 11 सितंबर 2014 को उनके नेतृत्व में वेतन विसंगति आयोग बनाया गया था। भाजपा सरकार ने उसे एक्सटेंशन दी थी। माधवन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल को किताब की शक्ल में अपनी यह रिपोर्ट सौंपी है।उन्होंने रिपोर्ट में करीब 60 हजार कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए सरकार को सुझाव दिए हैं। हरियाणा और पंजाब के कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों को आधार मानते हुए यह रिपोर्ट तैयार की गई है। सरकार इस रिपोर्ट को लागू करती है तो नए ज्वाइन करने वाले कर्मियों को अधिक फायदा मिलेगा। कई भत्तों के मामले में पहले से ही हरियाणा पंजाब से बेहतर है।
सातवें वेतन आयोग में लाभ का प्रारूप तैयार
रिपोर्ट में छठे वेतन आयोग में लाभ से वंचित रहे कर्मचारियों को प्रस्तावित सातवें वेतन आयोग में लाभ देने के लिए भी खास प्रारूप तैयार किया गया है।
बोर्ड निगमों के कर्मचारियों की राय ही नहीं ली
हरियाणा के बोर्ड एवं निगमों के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों पर आयोग ने कोई गौर नहीं किया है। विश्वविद्यालयों के कर्मचारी संगठनों को भी बात रखने के लिए आयोग ने नहीं बुलाया है।
राज्य के कर्मचारी काफी लंबे समय से पंजाब के समान वेतनमान देने की मांग करते आ रहे हैं। आयोग की दलील है कि सरकार ने सिर्फ दोनों राज्यों के वेतनमान व भत्तों की तुलना कर रिपोर्ट देने को कहा था। इसलिए पंजाब के समान वेतनमान देने की सीधे सिफारिश नहीं की जा सकती थी। अब फैसला सरकार को लेना है।
जी माधवन हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। 11 सितंबर 2014 को उनके नेतृत्व में वेतन विसंगति आयोग बनाया गया था। भाजपा सरकार ने उसे एक्सटेंशन दी थी। माधवन ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल को किताब की शक्ल में अपनी यह रिपोर्ट सौंपी है।उन्होंने रिपोर्ट में करीब 60 हजार कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए सरकार को सुझाव दिए हैं। हरियाणा और पंजाब के कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों को आधार मानते हुए यह रिपोर्ट तैयार की गई है। सरकार इस रिपोर्ट को लागू करती है तो नए ज्वाइन करने वाले कर्मियों को अधिक फायदा मिलेगा। कई भत्तों के मामले में पहले से ही हरियाणा पंजाब से बेहतर है।
सातवें वेतन आयोग में लाभ का प्रारूप तैयार
रिपोर्ट में छठे वेतन आयोग में लाभ से वंचित रहे कर्मचारियों को प्रस्तावित सातवें वेतन आयोग में लाभ देने के लिए भी खास प्रारूप तैयार किया गया है।
बोर्ड निगमों के कर्मचारियों की राय ही नहीं ली
हरियाणा के बोर्ड एवं निगमों के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों पर आयोग ने कोई गौर नहीं किया है। विश्वविद्यालयों के कर्मचारी संगठनों को भी बात रखने के लिए आयोग ने नहीं बुलाया है।
आयोग को नहीं करनी थी पंजाब के समान वेतनमान की सिफारिश
आयोग ने पंजाब में 1986, 1996 और 2006 में विभिन्न पदों पर पे स्केल के बारे में पता लगाया तथा उसका हरियाणा में कर्मचारियों को दिए जा रहे पे स्केल पर विश्लेषण किया। आयोग के एक सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आयोग को पंजाब के समान वेतनमान देने की सिफारिश करने को नहीं कहा गया था। इस तरह] अब सरकार को इस रिपोर्ट और पंजाब के समान वतेनमान पर फैसला लेना है।
आयोग ने पंजाब में 1986, 1996 और 2006 में विभिन्न पदों पर पे स्केल के बारे में पता लगाया तथा उसका हरियाणा में कर्मचारियों को दिए जा रहे पे स्केल पर विश्लेषण किया। आयोग के एक सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आयोग को पंजाब के समान वेतनमान देने की सिफारिश करने को नहीं कहा गया था। इस तरह] अब सरकार को इस रिपोर्ट और पंजाब के समान वतेनमान पर फैसला लेना है।
'हमने अपना काम पूरा कर दिया'
'' हमने रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में कर्मचारियों की सभी मांगों का बारीकी से अध्ययन किया गया है। इन सिफारिशों के आधार पर सरकार इसे लागू करने के संबंध में अंतिम निर्णय लेगी। हमने अपना काम पूरा कर दिया।
-जी माधवन, चेयरमैन, वेतन विसंगति आयोग।
'' हमने रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में कर्मचारियों की सभी मांगों का बारीकी से अध्ययन किया गया है। इन सिफारिशों के आधार पर सरकार इसे लागू करने के संबंध में अंतिम निर्णय लेगी। हमने अपना काम पूरा कर दिया।
-जी माधवन, चेयरमैन, वेतन विसंगति आयोग।
कौन है जी माधवन
मुख्यमंत्री के रूप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 5 मार्च, 2005 को प्रदेश की सत्ता संभाली थी। उस समय जी माधवन हरियाणा के मुख्य सचिव थे। जी माधवन सेवानिवृत्त हुए तो सरकार ने तुरंत उनके लिए नई कुर्सी का इंतजाम कर दिया। माधवन को प्रदेश के सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया। फिर उन्हें आयोग के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
मुख्यमंत्री के रूप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 5 मार्च, 2005 को प्रदेश की सत्ता संभाली थी। उस समय जी माधवन हरियाणा के मुख्य सचिव थे। जी माधवन सेवानिवृत्त हुए तो सरकार ने तुरंत उनके लिए नई कुर्सी का इंतजाम कर दिया। माधवन को प्रदेश के सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया। फिर उन्हें आयोग के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
कर्मचारियों के वेतनमान पर गेंद अब सरकार के पाले में
हरियाणा के कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने और विसंगतियां दूर करने का फैसला अब सरकार को करना है। भाजपा ने सत्ता में आने से पहले कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान का वादा किया था और तमाम विसंगतियां दूर करने का भरोसा दिया था।www.facebook.com/teacherharyana
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