संवाद सूत्र, गोरखपुर : हरियाणा शिक्षा निदेशालय के निर्देश के अनुसार पहली बार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा नौवीं व ग्यारहवीं की परीक्षा ली गई। अब स्कूल मुखियाओं को इन पेपरों को रिजल्ट भी तैयार करना होगा। पेपर भिवानी बोर्ड से बनकर आये रिजल्ट स्थानीय स्तर पर तैयार किया जाएगा। जब से आठवीं का बोर्ड खत्म हुआ था तब से केवल मूल्यांकन की परीक्षा ही आयोजित की जा रही थी। अब बोर्ड ने सभी को पत्र जारी कर कहा है कि जैसे ही पेपर खत्म हो जाये तो इसका रिजल्ट भी सार्वजनिक करें।
प्रावइेट स्कूल नहीं लगा रहे थे नौवीं व ग्यारहवीं की कक्षाएं
अक्सर देखने में आता है कि प्राइवेट स्कूलों का परीक्षा परिणाम इतना बेहतर क्या आता है। इसका कारण था कि प्राइवेट स्कूल संचालक
नौवीं व ग्यारहवीं की कक्षाएं ही नहीं लगा रहे थे। विद्यार्थी द्वारा आठवीं कक्षा पास करने पर दसवीं कक्षा की किताबें लगा देते तो दसवीं पास विद्यार्थियों को बारहवीं की किताबें पढ़नी पड़ती। एक ही कक्षा की दो साल किताबें पढ़ने से स्कूल का रिजल्ट भी सरकारी स्कूलों की अपेक्षा अच्छा रहता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्कूल संचालक को अब नौवीं व ग्यारहवीं का परीक्षा परिणाम सार्वजनिक करना होगा।
शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र
नौवीं व ग्यारहवीं के प्रश्न पत्र बोर्ड द्वारा उपलब्ध करवाये गये थे। अब शिक्षा विभाग ने अपने पत्र क्रमांक 19/62-2015एसई पत्र जारी करते हुए लिखा है कि 80 अंक के पेपर में 20 अंकों का डिवाईडेशन किया है । इसमें मंथली टेस्ट, हॉफ ईयरली सीसीई मार्क्स, प्रोजेक्ट वर्ग,
क्लाश पार्टिशिपेशन के अंक निर्धारित किये है। इन अंकों को उदाहारण देकर पत्र में अच्छी तरह से समझाया गया है व पूरे परीक्षा परिणाम का सरकारी स्कूलो को रिकॉर्ड रखना होगा। पत्र में मासिक मूल्यांकन के 12 अंक, अर्धवार्षिक परीक्षा के 4 अंक, प्रोजेक्ट आधारित 2 अंक, परीक्षा कक्ष के 2 अंक, इस प्रकार से 100 अंक बनाने के दिशा निर्देश जारी किये है।
वर्जन
सभी स्कूलों को पत्र जारी कर दिया गया है। पत्र मे जो नियम बताये गये है उसी के अनुसार वे परीक्षा परिणाम तैयार करें ताकि स्कूलों का सच सबके सामने आ सके। अगर किसी भी स्कूल ने कोई गड़बड़ी की तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।-दयानंद सिहाग, उपजिला शिक्षा अधिकारी।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news (Recruitment , vacancy , job , news)
नये फार्मूले से तैयार होगा परीक्षा परिणाम
प्रवीण शर्मा, फतेहाबाद
प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में पहले पहली से आठवीं तक का परिणाम सीधे तौर पर घोषित कर दिया जाता था, लेकिन अब शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई कठिनाईयों से होकर गुजरना होगा। क्योंकि शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं तक के बच्चों के परीक्षा परिणाम के लिए माप दंड तय किये है। इसके अनुसार ही बच्चे अंतिम परिणाम घोषित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के नये मापदंडों को प्रदेशभर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिये है।
शिक्षा विभाग बच्चों के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए कड़े से कड़े प्रयास कर रहा है। अब शिक्षा विभाग ने नया फार्मूला अपनाया है। इस नये फार्मूले के अनुसार ही बच्चे का परिणाम घोषित होगा।
ऐसा तैयार होगा परिणाम
तीसरी से आठवीं तक के अंतिम परिणाम घोषित करने के लिए सबसे मंथली टेस्ट लिया। जो महीने में सात बार होंगे। ये टेस्ट 20 नंबर के होंगे। जो कुल 140 नंबर के होंगे। विद्यार्थी के जितने नंबर टेस्ट में आएंगे। उसे 7 से भाग देकर एक परिणाम निकाला जाएगा और प्रतिशत निकाला जाएगा। इसके बाद साल के छह महीने में होने वाले परीक्षा परिणाम में प्राप्त नंबरों को 2 से भाग कर प्रतिशत निकाला जाएगा। इसके बाद छह माह की रिपोर्ट के अंकों को 2 से भाग किया जाएगा। जो परिणाम आएगा। उसे अंतिम परिणाम में जोड़ा जाएगा। इसके अंतिम रिपोर्ट में सीआरए के अंक होंगे। जिसमें प्रोजेक्ट के नंबर, उपस्थिति व अन्य गतिविधियों में शामिल होने की रिपोर्ट के अंकों जोड़ा जाएगा। बच्चे के परिणाम के लिए 20 प्रतिशत मैंथली, 20 प्रतिशत वार्षिंक टेस्ट से, 40 प्रतिशत वार्षिंक व 20 प्रतिशत सीआरए के अंकों को लेकर अंतिम परिणाम तैयार किया जाएगा। इसी तरह पहली से दूसरी कक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा।
वर्जन
शिक्षा विभाग के नये फार्मूले के अनुसार पहली से आठवीं का परिणाम घोषित किया जाएगा। विभाग के आदेश काफी सराहनीय है। इससे शिक्षा स्तर सुधरेगा। इन नये आदेशों को सभी स्कूल मुखियाओं को जारी कर दिया है।
डॉ. यज्ञदत्त वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी।
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