साढ़े 42 लाख वसूले, नहीं भेजी पुस्तकें


जींद:पुस्तकों की खरीद में गोलमाल सामने आ रहा है। पिछले दो सालों में स्कूलों से पुस्तकों के नाम पर 42 लाख 60 हजार रुपये वसूले गए, मगर स्कूलों तक पुस्तकें पहुंची ही नहीं है। शिक्षा विभाग भी इस बाबत कोई हिसाब-किताब नहीं दे पा रहा है। 1गत वर्ष हिसार में आयोजित मंडल स्तरीय पुस्तक मेले में जिले के 213 सीनियर सेकेंडरी व हाई स्कूलों से वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत पुस्तक देने के लिए 10-10 हजार रुपये के दो चेक लिए थे। अकेले जींद जिले से दी जानी वाली राशि का आंकड़ा 42 लाख 60 हजार रुपये का है। विभाग ने वर्ष 2016-17 के लिए डिफेंस कालोनी के राजकीय सीनियर स्कूल में 16-17 मार्च को पुस्तक मेले का आयोजन किया। अंतिम दिन सभी 213 स्कूलों से आर्डर लेकर पुस्तकें भेज दी गई। ताज्जुब यह है कि हिसार में आयोजित पुस्तक मेले में स्कूल के मुखियाओं से स्कीम के तहत ली गई राशि के बदले न तो अभी तक पुस्तकें मिल पाई है तथा न ही वसूली करने वाला विभाग स्कूलों को वसूली गई राशि का कोई हिसाब दे रहा है। अब नए बजट के स्कूलों में पहुंचने से पहले ही आर्डर मांगकर स्कूलों को पुस्तकें बांट दी गई हैं। हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को आरएमएसए बजट जारी करने में बदलाव किया गया है। नियमों के अनुसार स्कूल आठ हजार रुपये तक की पुस्तकें खरीद सकते हैं। स्कूलों द्वारा खरीदी जाने वाली आठ हजार की पुस्तकों के बदले निदेशालय नेशनल बुक ट्रस्ट को 25 फीसद कमीशन काटकर प्रति स्कूल 6 हजार रुपये का भुगतान करेगा। इससे पूर्व प्रत्येक स्कूल को पुस्तक खरीदने के लिए 10 हजार रुपये का बजट दिया जाता था, पूरी राशि पुस्तक खरीदने पर ही खर्च करनी होती थीwww.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news (Recruitment , vacancy , job , news)

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