हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के लिए आवास, वाहन, कम्प्यूटर एवं विवाह आदि के ऋण प्राप्त करना और आसान हो गया है क्योंकि अब कर्मचारी सरकार द्वारा स्वीकार्य ब्याज दर पर ही अनुसूचित बैंकों से ऐसे ऋण प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, अब उन्हें अपने आवेदनों पर कार्यवाही के लिए अधिक दिनों तक इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा।
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में लिया गया, जिसमें मंत्रिमंडल ने ऋण प्रदान करने का कार्य बैंकों को सौंपे जाने का निर्णय लिया। राज्य सरकार बैंकों के साथ एक समझौता करेंगी, जो ऋणों का आवश्यकतानुसार शीघ्र जारी किया जाना सुनिश्चित करेंगे।
यह पाया गया कि इस निर्णय के फलस्वरूप ब्याज छूट की लागत कम होगी और भारतीय रिजऱ्व बैंक से लाइसैंस प्राप्त सभी बैंकों के बीच व्यापक एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। कर्मचारियों के लिए बेहतर एवं अनुकूल नियम एवं शर्तें होंगी। इसके अतिरिक्त, संबंधित विभागाध्यक्ष या प्रबंध निदेशक या प्रशासनिक सचिव को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर कर्मचारियों के ऋण आवेदनों को आगे भेजना होगा। दस्तावेज शीघ्र जारी होंगे तथा पूर्व पुन: अदायगी की शर्तें सरल होंगी।
यह भी देखा गया कि कर्मचारियों को जिस लाभकारी ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है उसे सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर लागू ब्याज दर से जोड़ा जाता है और राज्य सरकार इसे समय-समय पर संशोधित करती है। सरकार द्वारा किया जाने वाला वार्षिक बजट आबंटन सभी सरकारी कर्मचारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होता। अत: कर्मचारियों में असंतोष रहता है। अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए, कर्मचारी वित्त मंत्री को वर्ष दर वर्ष आधार पर आबंटित ऐच्छिक कोटे से ऋण लेने का प्रयास करते हैं। राज्य सरकार के इस पोर्टफोलियो को बैंकों को सौंपे जाने के निर्णय से कर्मचारियों का असंतोष दूर होगा क्योंकि वे सभी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और वर्तमान में प्रदान की जा रही ऋण राशि सरकार के पास विकासात्मक कार्यों के लिए उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त, इससे बैंकों के ग्राहक बढ़ेंगे और ऋण प्रदान करने के उनके प्राथमिक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
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