चंडीगढ़: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को जेबीटी से टीजीटी और टीजीटी से पीजीटी पदों पर पदोन्नति कोटे के करीबन 13000 पदों को भरने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग हरियाणा की प्रधान सचिव केसनी आनंद अरोड़ा के विरुद्ध पदोन्नति कोटे के पद न भरने पर 2 मार्च को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 21 मार्च तक जवाब तलब किया था। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की जस्टिस सतीश मित्तल की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने 20 नवम्बर 2015 को हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग को जेबीटी से टीजीटी व टीजीटी से पीजीटी पदों के प्रमोशन कोटे के सभी पदों को भरने का आदेश दिया था लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों को 3 माह से भी ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद भी शिक्षा विभाग ने जब ये पदोन्नति कोटे के पद भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया तो फतेहाबाद निवासी बिजेंद्र लहरियाँ ने 2 मार्च को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
शिक्षा विभाग में पीजीटी शिक्षकों के 8000 से ज्यादा पदोन्नति कोटे के पद वर्ष 2012 से रिक्त पड़े है जिन्हें टीजीटी शिक्षकों को प्रमोशन दे कर भरा जाना है लेकिन 4 साल बीत जाने के बावजूद भी प्रमोशन कोटे के पद नहीं भरे गए है। इसी तरह से टीजीटी कैडर में भी करीबन 5000 पद प्रमोशन कोटे के रिक्त पड़े है जिन्हें जेबीटी शिक्षकों को टीजीटी पद पर प्रमोशन दे कर भरा जाना है लेकिन पिछले 5 साल से शिक्षा विभाग ने इन पदों को भरने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया। अब मामले में अवमानना याचिका दाखिल होने व हाईकोर्ट के कड़े रुख के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने करीबन 240 जेबीटी व सीएन्डवी शिक्षकों को गत सप्ताह टीजीटी पदों पर पदोन्नत करते हुए पदोन्नत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी तरह से टीजीटी शिक्षकों को पीजीटी पदों पर पदोन्नत करने के लिए शिक्षा विभाग ने " 8 विभागीय पदोन्नति कमेटियों" का गठन किया है। उम्मीद है कि मामले में हाईकोर्ट में 22 अप्रैल को होने वाली सुनवाई तक पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी करके स्टेट्स रिपोर्ट कोर्ट में दे दी जायेगी।
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