.........."पारदर्शिता या भारी गड़बड़ी !"........
'सुबह ट्रान्सफर आर्डर देखकर एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ कि ये मेरे ही ट्रान्सफर आर्डर हैं और इनको बनाकर भेजने में विभाग द्वारा पूरी पारदर्शिता बरती गयी है ।
'सुबह ट्रान्सफर आर्डर देखकर एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ कि ये मेरे ही ट्रान्सफर आर्डर हैं और इनको बनाकर भेजने में विभाग द्वारा पूरी पारदर्शिता बरती गयी है ।
कारण चाहे कुछ भी रहा हो,लेकिन निम्लिखित प्रश्नों और तथ्यों के सामने गड़बड़ी पारदर्शिता पर भारी पड़ती दिख रही है-----
1). मैंने रेवाड़ी(जोन-1,2,3,5,7),गुडगाँव(जोन-6) और महेंद्रगढ़(जोन-4) के स्कूल भरे थे,जबकि मुझे फिर से जींद मिला । विभाग के पत्र अनुसार अगर किसी को उसकी चॉइस का स्टेशन नहीं मिलता है तो उसको उसके द्वारा सेलेक्ट किये गए जिले में ही दिया जाएगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ,जबकि आखिरी बार ट्रान्सफर ड्राइव में आप्शन भरने से पहले(पहली अलॉटमेंट की लिस्ट जारी होने के बाद) ये पता लग गया था कि महेंद्रगढ़ में 5 सीट खाली पड़ी हैं ।
2). अब भी मुझे जींद में हाई स्कूल ही अलॉट कर दिया गया है,जबकि ये कहा जा रहा था कि सबको सीनियर सेकेंडरी अलॉट होंगे ।
3). हद तो इस बात पर हो गयी कि मैं,जिसको अभी 50 साल का होने में कई वर्ष हैं,मुझे अबकी बार गर्ल्स स्कूल अलॉट हुआ है जबकि नियमों के अनुसार मुझे ये स्कूल नहीं मिल सकता ।
4). मुझे मुआना,जींद स्कूल अलॉट हुआ है,जबकि इस स्कूल में इसी पोस्ट पर जो मेरा साथी है,उसके ट्रान्सफर आर्डर अभी जारी ही नहीं हुए हैं,जबकि उसने भी ट्रान्सफर के लिए अप्लाई किया हुआ है ।
5). अब प्रश्न ये भी उठता है कि वो ट्रान्सफर के आदेश आये बिना कैसे रिलीव हो सकता है और उसके रिलीव होने से पहले मैं कैसे ज्वाइन कर सकता हूँ ?
6). रही बात ज्वाइन करने की तो,क्या हेड मेरे को ज्वाइन करा लेगा,इसपर भी संशय है !
7). विभाग पर एक बार फिर भरोसा करके hrymis और edusecondaryhry दोनों ई मेल आई डी पर अपनी इस समस्या का निदान करने के लिए ई मेल कर दी है ।
अब देखना ये है कि विभाग ये पारदर्शिता की जंग जीतता है या गड़बड़ी की कालिख अपने ऊपर लगते देखना चाहता है ।
मैंने ना धैर्य खोया है और ना ही कोई मानसिक संतुलन खोया है । पूरी जिम्मेदारी के साथ लिख रहा हूँ ।
किसी भी स्कूल में कार्य करा लो,पूरे जूनून के साथ काम करूँगा,लेकिन अगर मेरे द्वारा भरे गए जिलों में जब मुझे मिल सकता है तो मैं घर के नजदीक स्कूल पाने की चाह क्यों न करूँ ???'
विनोद कुमार
लेक्चरर,बायोलॉजी ।
लेक्चरर,बायोलॉजी ।
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