हरियाणा सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए है कि सरकारी विभाग या संस्था से आवेदकों को सेवा लेने के लिए शपथ-पत्र देने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें केवल स्वयं घोषणा पत्र देना होगा, परंतु कानून या संवैधानिक नियमों के तहत आने वाली सेवाओं के लिए शपथ-पत्र देना होगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार को यह सूचना मिली है कि सरकारी पत्र दिनंाक 28 अप्रैल 2010, 30 दिसंबर 2013 और 26 मार्च 2014 को जारी हुए पत्रों के दिशानिर्देशों की पालना विभागों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों द्वारा नहीं की जा रही है। आवेदक फिर भी आवेदन के साथ शपथ-पत्र संलग्र करने के लिए पूछ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेकार के शपथ-पत्रों को लेने से आवेदकों को बहुत परेशानी का सामना कर पड़ रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडल आयुक्तों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चण्डीगढ के रजिस्ट्रार, सभी उपायुक्त, राज्य के सभी बोर्डों व निगमों के प्रबंधक निदेशकों व मुख्य प्रशासकों और सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को कहा गया है कि इन दिशानिर्देशों की अनुपालना अक्षरश: सुनिश्चित की जाए। -
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