चंडीगढ़, 30 जनवरी- हरियाणा पुलिस ने प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशानुसार छात्र-छात्राओं को आदर्श एवं सशक्त नागरिक बनाने एवं समाज को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस कैडिट कोर का गठन करने का निर्णय लिया है। पुलिस अधीक्षक, यमुनानगर श्री राजेश कालिया ने अपने कार्यालय में जिला के विभिन्न वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसीपलों एवं जिला शिक्षा अधिकारी के साथ आज आयोजित बैठक में यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कालिया ने बैठक को सम्बोधित करते हुए बताया कि हरियाणा पुलिस कैडिट कोर का मुख्य उद्देश्य युवाओं के व्यक्तिगत विकास में सहायता करके उन्हें समाज व राष्ट्र के प्रति एक सशक्त नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि युवा आज देश व प्रदेश के विकास में अपना अहम योगदान प्रदान कर सकते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से भी युवा हर प्रकार से प्रशासन का सहयोग कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस कैडिट कोर में 10वीं पास छात्र-छात्राओं को कनिष्ठ वर्ग तथा स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं को वरिष्ठ वर्ग में शामिल किया जाएगा तथा प्रशिक्षण के बाद छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएगें। इसी कडी में शीघ्र ही केवल 10+1 के छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान कर पुलिस कैडिट कोर की शुरूआत की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस कैडिट कोर पुलिस अधिकारियों की देखरेख में कार्य करेगा तथा इसमें शामिल छात्र-छात्राओं को पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सप्ताह में दो पीरियड के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और महिला प्रशिक्षणार्थियों को महिला थाना प्रबंधक की देखरेख में महिला पुलिस द्वारा ही प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कोर को अलग से हथियार उपलब्ध नहीं करवाए जाऐंगे, लेकिन प्रशिक्षण के लिए लाठी, हैलमेट व बाडी-प्रोटैक्टर इत्यादि पुलिस विभाग द्वारा प्रशिक्षण के दौरान उपलब्ध करवाए जाऐंगे। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ विंग में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत चुनिदां कैडिट यदि इच्छुक हो तो उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले हर वर्ग के छात्र-छात्रा का रिकार्ड रखा जाएगा। श्री राजेश कालिया ने बताया कि प्रशिक्षण पाठयक्रम के अतिरिक्त कैडिट को स्वतंत्रता दिवस की परेड में भाग लेना, जिला स्तर पर वार्षिक समारोह, सार्वजनिक मेलों व उत्सवों के दौरान प्रशिक्षण के लिए डयूटी देना, वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के अलावा पुलिस और जनता के बीच सहयोग बढाने के लिए आयोजित गतिविधियों में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा।