जागरण संवाददाता, पंचकूला : ऑल हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरर्स एसोसिएशन के सदस्यों पर हाउसिंग बोर्ड चौक पर पुलिस ने जमकर लाठियां भाजी। विधानसभा का घेराव करने जा रहे लेक्चरर्स को रोकने के लिए पहले वाटर कैनन से बोछारें छोड़ी गई व बाद में स्थिति काबू में नहीं आती देख लाठीचार्ज किया गया। लेक्चरर्स हरियाणा विधानसभा का घेराव नहीं कर पाए, पुलिस ने इन्हे आगे नहीं बढ़ने दिया। इस दौरान एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष ईश्वर सिंह और पांच महिला लेक्चरर्स को भी चोट आई, जिन्हे नागरिक अस्पताल सेक्टर-6 में इलाज के लिए भेजा गया। ऑल हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरर्स एसोसिएशन ने घोषणा की थी कि मांगें पूरी नहीं होने के विरोध में वे 2 मार्च को हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे। जिसके तहत वीरवार को पूरे प्रदेश से लेक्चरर्स सेक्टर-5 स्थित धरनास्थल पर एकत्रित हुए। रणनीति तैयार करने के बाद ये लेक्चरर्स पैदल मार्च करते हुए हाउसिंग बोर्ड चौक के पास पहुंच गए। जहां पर चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिकेड लगाकर इनको रोक दिया। जिसके बाद लेक्चरर्स वहीं धरने पर बैठ गए।
चार घंटे डटे रहे धरने पर, बाद में खदेडे़
एसोसिएशन के प्रधान ईश्वर सिंह ने पुलिस से कहा कि वह सीएम या उनके प्रतिनिधि से मुलाकात करेगे। मौके पर हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव के आने की बात कही, तो इन लेक्चरर्स ने कहा कि वह यादव से कई बार मिल चुके है, इसलिए नहीं मिलेंगे। चार घंटे बाद भी जब लेक्चरर्स मौके से उठने को तैयार नहीं हुए, तो पुलिस ने बल प्रयोग करना शुरू कर दिया। इन लेक्चररर्स ने बैरिकेड्स तोड़कर आगे जाने की कोशिश की, तो पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग शुरू कर दिया। इन दौरान लाठीचार्ज भी कर दिया। जिसमें 6 लेक्चरर्स को चोटें लगी। इसके बाद लेक्चरर्स को तितर-बितर कर दिया गया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उनको छुट्टी दे दी गई।
चार साल से कर रहे संघर्ष, नहीं हो रही सुनवाई
ऑल हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान ईश्वर सिंह ने बताया कि वह अपनी मागों को लेकर वह पिछले करीब 4 साल से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन दे दिया जाता है और उनकी मागों को पूरा नहीं किया जाता है। वह अपनी मागों को लेकर पंचकूला, चंडीगढ़, करनाल व महेंद्रगढ़ में आदोलन व धरने भी कर चुके हैं, उस समय मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री द्वारा उनकी मागों को मान लेने का आश्वासन दिया गया था, जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार उन्हें महीने के करीब 18 हजार रुपये मेहनताना देती है, उसमें से भी छुट्टियां आ जाने के कारण उन्हें 10-12 हजार रुपये ही मिल पाते हैं। यह भी वर्ष में 7-8 माह ही मिल पाता है ,अगर साल भर में देखा जाए तो उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 200-300 रुपये ही मिलते हैं, इससे ज्यादा तो मजदूर ही एक दिन का कमा लेता है। मौके पर एक्सटेंशन लेक्चरर्स में शिवानी प्रवीण कुमार, अजय कुमार, दीपक आदि मौजूद रहे।
ये मांगें दोहराई
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-लेक्चरर्स ने मांग की कि तुरंत प्रभाव से एक्सटेंशन शब्द को हटाकर उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर, लेक्चरर्स या गेस्ट टीचर का पदनाम दिया जाए।
-दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब की तरह निर्धारित वेतन प्रतिमाह दिया जाए। जिस पद पर एक्सटेंशन कार्यरत हो, वहां तबादले नहीं किया जाए। एक्सटेंशन कार्यरत पदों को खाली न समझा जाए।
-अनुभव प्रमाणपत्र वर्तमान पीरियड आधार के बजाय पूरे सेशन का दिया जाए व मान्य किया जाए।
-सभी एक्सटेंशन की हाजिरी का रिकॉर्ड विभाग रखें या बायोमीट्रिक हाजिरी लगवाई जाए।