8 महीने बाद भी नहीं मिले 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल वाले विद्यार्थियों के लिए लैपटॉप





 नारनौल : माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा गत वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल कर उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति के साथ ही मुफ्त लैपटॉप देने की भी घोषणा की गई थी। छात्रवृत्ति तो मिल गई, लेकिन लैपटॉप देने की योजना अभी फाइलों में ही दबी पड़ी है। इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी तरफ, पात्र विद्यार्थी लैपटाप हासिल करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से गत वर्ष 27 जुलाई को अखबारों में विज्ञापन देकर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्तियों की घोषणा की गई थी। प्रदेश के मूल निवासी छात्र-छात्राओं, जिन्होंने राज्य में स्थित किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी स्कूल से हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा मार्च 2016 में आयोजित दसवीं की परीक्षा में बढि़या अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की हो, को छात्रवृत्ति प्रदान करने का ऐलान किया था। इस योजना का लाभ उन्हीं विद्यार्थियों को मिलना था, जिन्होंने दसवीं के बाद दस जमा एक कक्षा में दाखिला लिया हो। साथ ही आवेदन संबंधित स्कूल के माध्यम से दिया जाना था।

योजना के अंतर्गत ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्र से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों में से 95 प्रतिशत व इससे अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप भी प्रदान किए जाने थे। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। साथ ही आवेदन पत्र पूरी तरह से भरकर 30 सितंबर 2016 तक निदेशालय में भेजे जाने थे। जिला भर से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति और लैपटॉप के लिए आवेदन किया था।
योजना के तहत आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति तो मिल गई, लेकिन लैपटॉप का अभी इंतजार है। विद्यार्थी और उनके अभिभावक लैपटॉप हासिल करने के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालयों में चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं से स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है।

 सूत्रों के अनुसार लैपटॉप देने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन इस बारे में बोलने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। उनका कहना है कि यह निदेशक के स्तर का मामला है और वे ही इस बारे में कुछ बताने के लिए अधिकृत हैं।
अभी तक मेरे पास किसी विद्यार्थी व अभिभावक ने संपर्क नहीं किया है। यदि कोई आता है तो उसका केस बनाकर निदेशालय के पास भेज दिया जाएगा- मुकेश लावणिया, जिला शिक्षा अधिकारी।

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