दुर्भाग्यपूर्ण : शिक्षा प्रेरकों की सेवा हुई समाप्त आज से नहीं लगा सकेंगे हाजिरी


प्रदेश के 10 जिलों में निरक्षरों को साक्षर करने में जुटे शिक्षा प्रेरकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। बुधवार से प्रेरकों की लोक शिक्षा केंद्र में हाजिरी नहीं लगवाई जाएगी। वर्ष 2012 में शुरू हुआ साक्षर भारत मिशन 7 जून 2017 को बंद हो जाएगा, जिससे प्रेरकों का अनुबंध भी समाप्त हो जाएगा। इस संबंध में साक्षर भारत मिशन के निदेशक सेकंडरी एजुकेशन ने सभी अतिरिक्त उपायुक्त को प्रेरकों की सेवाएं समाप्त करने निर्देश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि पिछली हुड्डा सरकार ने साक्षर भारत मिशन के अंतर्गत 2012 में हरियाणा के 10 जिलों महेंद्रगढ़, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, जींद, सिरसा, करनाल, कैथल, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लिए शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति की गई थी। यह वे जिले थे, जहां शिक्षा दर 56 फीसद से कम थी। इन प्रेरकों का मानदेय दो हजार रुपये प्रति माह और इनके द्वारा संचालित लोक शिक्षा केंद्र का खर्च 2250 रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया। इसके तहत सिरसा जिले में 1,87,456 निरक्षर थे, जिसमें 16 मार्च 2016 तक 52,238 व्यक्तियों को साक्षर कर लिया गया।
फिलहाल जिले में अभी भी 1,35,218 व्यक्ति है और ये प्रेरक गांव व शहरों में इन्हें साक्षर करने का कार्य कर रहे हैं। प्रेरकों की सेवाएं समाप्त करने के बाद अब यह अभियान राम भरोसे ही चलेगा। 16 जून को निरक्षरों को साक्षर करने के लिए रखे गये प्रेरकों की सेवाएं समाप्त करने के लिए निर्देश मिले हैं। लोक सेवा केंद्रों में तैनात प्रेरकों की बुधवार से हाजिरी नहीं लगेगी-डॉ. भूपेंद्र देव, जिला संयोजक, सिरसा।

2012 में साक्षर भारत मिशन के तहत 10 जिलों में नियुक्त हुए थे 5100 शिक्षा प्रेरक
निदेशक सेकंडरी एजुकेशन ने सभी अतिरिक्त उपायुक्त को सेवा बंदी का निर्देश जारी किया 

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