सौरभ मलिक/ट्रिन्यू
हरियाणा सिविल सर्विसेज (एचसीएस) ज्यूडिशियल प्राथमिक परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की कमेटी ने इस परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की है। बुधवार को हाईकोर्ट की फुल बेंच को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने कहा कि कुछ उम्मीदवारों तक प्रश्नपत्र पहले ही पहुंच गये थे। कमेटी ने रजिस्ट्रार (भर्ती) बलविंद्र शर्मा और 2 उम्मीदवारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफरिश की।
कमेटी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह पता चलता है कि दो उम्मीदवारों सुनीता और सुशीला के पास पहले से ही प्रश्नपत्र मौजूद थे। ऐसे में अन्य उम्मीदवारों तक प्रश्नपत्र पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इन परिस्थितियों में परीक्षा की पारदर्शिता भंग हो गयी है। इसके साथ ही कमेटी ने 16 जुलाई को हुई इस परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की।
कमेटी ने कहा कि शर्मा ने सामान्य वर्ग की सुनीता से पहले ही जान-पहचान होने से इनकार किया, लेकिन उनकी फोन कॉल डिटेल से यह पता चला कि पिछले एक साल में उनके और सुनीता के बीच 760 कॉल और एसएमएस हुए, जो इस बात की ओर संकेत करते हैं कि मामले की ‘गहन जांच’ की आवश्यकता है। कमेटी ने प्रारंभिक जांच के आधार पर शर्मा के खिलाफ नियमित जांच की सिफारिश की। साथ ही सुनीता, सुशीला और शर्मा के खिलाफ ‘प्रश्नपत्र लीक करने’ की एफआईआर दर्ज करने को भी कहा। कमेटी की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस गुरमीत सिंह संधवालिया की फुल बेंच ने हाईकोर्ट को समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर कार्रवाई करने को कहा।
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