पानीपत:स्वच्छता पुरस्कारोंके लिए आवेदन करने के लिए पोर्टल खुल गया है। इस पर कोई भी स्कूल 31 अक्टूबर तक आवेदन कर सकता है। आवेदन के आधार पर ही स्कूलों का सर्वे होगा। जिसमें पास होने वाले स्कूलों को ही पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। इसके तहत हर अलग-अलग वर्ग के लिए स्कूलों को अंक भी दिए जाएंगे। अगले वर्ष मार्च में चयनित विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा।
स्वच्छता को लेकर सरकार की ओर से अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके तहत ही स्कूलों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छता पुरस्कार दिए जाते हैं। मानव एवं संसाधन मंत्रालय की ओर से यह योजना शुरू की गई है। इसके तहत कोई भी स्कूल आवेदन कर सकता है, लेकिन उसे दी गई शर्तों को पूरा करना होगा। एमएचआरडी की साइट पर इसके लिए आवेदन किए जा सकते हैं।
जागरूकताफैलाना है उद्देश्य
एपीसीडॉक्टर धर्मवीर ने बताया कि स्वच्छता पुरस्कार का उद्देश्य यह है कि सभी स्वच्छता के प्रति जागरूक हो।
पुरस्कृत विद्यालय को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जो भी स्कूल मानकों को पूरा करेगा, उसे पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है।
स्कूलों का इन बिंदुओं के आधार पर चयन
स्वच्छतापुरस्कार के लिए स्कूलों को कुछ मानक पूरे करने होंगे। इसमें पीने का साफ पानी, टाॅयलेट, हैंडवॉश, स्कूल का मेंटिनेंस, बिल्डिंग कैपेसिटी के मानक दिए गए हैं। जिसके लिए अलग-अलग अंक निर्धारित हैं। इनके आधार पर स्कूलों को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद सरकार की ओर से सर्वे भी किया जाएगा।
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2017 में नेशनल पुरस्कार पाने वाले प्रदेश के चार स्कूलों में कैथल भी शामिल
कैथल:स्कूलों में साफ सफाई को लेकर शुरू किए गए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार पाने के लिए इस बार स्कूलों में होड़ रहेगी। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए स्कूलों को 31 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रलय ने यह योजना सभी राजकीय और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए शुरूकी थी। जिले के सरकारी स्कूलों में पुरस्कार अभियान शुरू करने के बाद काफी सुधार आया है। जब शुरूआत हुई तो पुरस्कार की दौड़ में बहुत कम नाम शामिल थे जो पुरस्कार के लिए रखी गई शर्तों को पूरा करते हों, लेकिन वर्ष दर वर्ष जिले में पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले स्कूलों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बार जिला शिक्षा विभाग सौ प्रतिशत स्कूलों के पुरस्कार के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने का दावा कर रहा है।जिले में अभियान की सफलता इसी बात से पता चल जाती है कि जिला को स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। यह पूरे जिले के लिए गौरव की बात है। अगली बार इस पुरस्कार को पाने के लिए जिले का एक नहीं कई स्कूल का नाम शामिल होगा। इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं -शमशेर सिंह सिरोही, डीईओ।
मोबाइल एप भी कर सकते हैं डाउनलोड
केंद्र सरकार ने अभियान को सफल बनाने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरुस्कार एप भी लांच किया है। इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप पर योजना संबंधी सभी जानकारी उपलब्ध है। दूसरी तरफ जिला शिक्षा अधिकारियों के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारियों ने बैठक कर सभी स्कूलों के मुखियाओं को हैंड बुक भी जारी की है। हरियाणा में मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यकरण योजना का लाभ भी इसके साथ दिया जा रहा है।
पिछली बार आधे स्कूलों ने ही लिया था प्रतियोगिता में भाग12016-17 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए जिले में स्थित 597 स्कूलों में से आधे स्कूलों ने ही भाग लिया था। जिला शिक्षा विभाग का दावा है कि इस बार यह पुरस्कार पाने के लिए स्कूलों में होड़ रहेगी। इस बार सभी स्कूल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। कैथल प्रदेश के उन चार जिलों में शामिल था, जिनको इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सम्मानित किया गया है। 2018 में मिलने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए कम से कम दस स्कूल जिले से होंगे।
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