1-कुल सकल आय मे 40000(स्टैंडर्ड रिडक्शन) घटायें।
2-इसके बाद आवास भत्ता (यदि किराये के मकान में रहते हैं) घटायें।
3-इसके बाद धारा 80-C के तहत निवेश, जिसमें बच्चों स्कूल की ट्यूशन फीस, जीवन बीमा, होम लोन का प्रिंसिपल, आदि (सबको मिलाकर अधिकतम 150000 तक) घटायें।
4- यदि होम लोन लिया है तो आयकर की धारा 24(B) के तहत होम लोन पर एक साल में जितना ब्याज (अधिकतम 2 लाख) लगा हो, वो घटा दीजिये।
5-यदि आपने इस फाइनेंशियल ईयर में घर खरीदा है तो उसकी खरीद में लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी की छूट भी मिलती है।
6-धारा 80-D के अंतर्गत(अन्य. स्वास्थ्य बीमा, लम्बी बीमारी का खर्च व अन्य)घटाएं।
7-दिव्यांग कर्मचारी/शिक्षक 80C के अतिरिक्त 80-U के अंतर्गत 40% से 80% तक दिव्यांगता पर 75000 और 80% अधिक की दिव्यांगता पर 125000 की अतिरिक्त छूट मिलती है, इसके लिए दिव्यांग प्रमाणपत्र लगाना आवश्यक है।
8-इसके बाद घटने से बची धनराशि कर योग्य आय होगी। इस धनराशि मे ₹ 250000 तक 0% आयकर,
₹ 250001 से ₹ 500000 तक 5%आयकर निकालें।
₹ 5000001से ₹ 1000000/तक 20% आयकर निकाले।
फिर 5% और 20% आयकर को जोड़ ले।
9-अगर कुल कर योग्य आय ₹ 350000 तक है तो धारा 87A के अन्तर्गत ₹2500 की छूट मिलेगी और 350000 से ऊपर आय होगी तो ₹2500की छूट नही मिलेगी।
10-इसके बाद कुल टैक्स का 4% निकालें।
शिक्षा उपकर निकाले और कुल टैक्स में इस 4% शिक्षा उपकर को जोड़ ले।
11-इसके बाद पूर्व में प्रति माह कुल 11 महीने में काटा गया अग्रिम आयकर (एडवांस टैक्स)
12-शेष बची धनराशि शुद्ध कुल आयकर (इनकम टैक्स) होगी, जो आपके फरवरी माह के वेतन से काटी जाएगी।
Cp
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