हरियाणा में एचसीएस (हरियाणा सिविल सर्विस) अफसर बनने के लिए युवाओं को अब मुख्य परीक्षा में एक पेपर कम देना होगा। एचसीएस (कार्यकारी शाखा) की परीक्षा में जहां अभी तक पांच पेपर देने होते थे, वहीं अब परीक्षार्थियों को सिर्फ चार पेपर देने पड़ेंगे।
तीन अनिवार्य विषयों के साथ आवेदकों को 23 वैकल्पिक विषयों में से कोई एक पेपर चुनना पड़ेगा। अभी तक युवाओं को तीन अनिवार्य और दो वैकल्पिक विषयों के साथ कुल पांच पेपर देने होते थे।
चंडीगढ़ में मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके लिए हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) नियम 2008 में बदलाव किया गया है। नियम में संशोधन इसलिए किया गया है ताकि परीक्षा को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के मानकों के अनुरूप बनाया जा सके।
संशोधित नियमों के अनुसार एचसीएस (कार्यकारी शाखा) और संबद्ध सेवाओं के पद के लिए मुख्य लिखित परीक्षा में चार पेपर (तीन अनिवार्य और एक वैकल्पिक) होंगे। हालांकि अनिवार्य और वैकल्पिक पेपरों के लिए पहले से अधिसूचित 23 विषयों और पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मुख्य लिखित परीक्षा में अंग्रेजी, हिंदी और सामान्य अध्ययन के एक-एक पेपर के साथ एक पेपर वैकल्पिक विषय का होगा।
मुख्य लिखित परीक्षा कुल 600 अंकों की होगी। अंग्रेजी और हिंदी के पेपर (निबंध सहित) 100-100 अंकों के होंगे, जबकि सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय के पेपर 200-200 अंक के होंगे। प्रश्नपत्र पारंपरिक (निबंध) प्रकार के होंगे और प्रत्येक पेपर तीन घंटे का होगा।
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