सरकारी संस्थानों (डाइट) के बाद, हरियाणा सरकार ने अब प्राइवेट कॉलेजों में भी डीएलएड (जेबीटी) कोर्स को बंद करने का सैद्धांतिक तौर पर निर्णय ले लिया है। दलील ये दी जा रही है कि नई शिक्षा नीति में इस कोर्स की कोई जरूरत नहीं हैं और प्रदेश में वैसे भी जेबीटी डिग्री होल्डर्स की संख्या पहले ही सरप्लस हो चुकी है इसलिए सरकार इस कोर्स को और चलाकर बेरोजगारों की फौज खड़ा नहीं करना चाहती क्योंकि बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा किस पोजीशन में है, ये किसी से छिपा नहीं है।
सरकार के इस हैरान करने वाले फैसले से राज्य में डीएलएड कोर्स करवाने वाले 342 प्राइवेट कॉलेज बंद हो जाएंगे और इनमें काम कर रहे 5100 से अधिक शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों की भी आजीविका छिन जाएगी, वहीं हरियाणा के युवाओं को भी ये कोर्स करने के लिए दूसरे प्रांतों में जाना पड़ेगा।
प्राइवेट कॉलेजों का कहना है कि डीएलएड से लेकर पीएचडी और आईटीआई से लेकर इंजीनियरिंग तक सभी कोर्सों के डिग्री/डिप्लोमा होल्डर्स की संख्या हरियाणा में सरप्लस है तो क्या इन सभी कोर्सों को बंद कर दिया जाएगा। वैसे भी यहां से डिप्लोमा/डिग्री हासिल कर अभ्यर्थी केंद्र सरकार, दिल्ली व अन्य राज्यों में नौकरी के लिए जाते हैं तो ऐसे में डीएलएड को बंद करने का कोई तुक नहीं है और ऐसा करके हरियाणा के युवाओं को शिक्षा के मौलिक अधिकार से भी वंचित करना है।
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