कैथल:जिला प्रधान विजेंद्र मोर, जिला सचिव बूटा सिंह और जिला प्रेस सचिव शमशेर कालिया ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कक्षा आठवीं के 100 रुपए इनरोलमैंट फीस व 450 रुपए प्रति छात्र परीक्षा फीस के रूप में लिए जाने पर और प्राथमिक शिक्षकों के लिए प्रस्तावित प्रशिक्षण शिविरों का हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ व स्कूल टीचर फैडरेशन ऑफ इंडिया कड़ा विरोध करता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के साथ - साथ हरियाणा प्रदेश में भी शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है , जिसके तहत पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक कोई भी फीस नहीं ली जा सकती । यहां तक कि बच्चों से लिए जाने वाले स्कूल फंड भी नहीं लिए जा रहे । इसकी एवज में स्कूलों को काम चलाने के लिए 36 रुपए प्रति विद्यार्थी प्राथमिक कक्षाओं में तथा 92 रुपए प्रति विद्यार्थी मीडिल कक्षाओं में स्वयं सरकार स्कूलों को देती है । ऐसी अवस्था में बोर्ड द्वारा कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों से इनरोलमैंट और परीक्षा फीस के नाम पर 550 रुपए लिया जाना बिल्कुल गलत है । उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा तक सीसीई की अवहेलना करके बोर्ड पेपर लेने से कोर्ट के मना करने के बाद भी हरियाणा सरकार तानाशाही पूर्ण तुगलकी फरमान जारी करती जा रही हैं । यह सरासर शिक्षा के अधिकार अधिनियम की सार्वभौमिक शिक्षा की भावना का खुला उल्लंघन है | हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ शिक्षा को महंगी कर गरीबों व लड़कियों से शिक्षा छिनने के इस मनुस्मृति समर्थित कदम का जोरदार विरोध करेगा और यदि शिक्षा बोर्ड की मनमानी यूं ही चलती रही तो संघ को आंदोलन चलाने पर मजबूर होना पड़ेगा। इसी प्रकार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सरकारी स्कूलों की बोर्ड से संबद्धता करवा रहा है जबकि पहले ऐसा नहीं होता था । जिस विद्यालय ने जानकारी के अभाव में संबद्धता फार्म नहीं भरा उनसे 5 हजार रुपए का जुर्माना वसूला जा रहा है । कोरोना के कारण बड़ी मुश्किल से जनता के प्रदर्शनों के दबाव से स्कूल खुले हैं लेकिन सरकार ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण के नाम से अध्यापकों को बच्चों से दूर कर दिया है । परीक्षा के समय प्रशिक्षण किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि पाठ्यक्रम भी पूरा करवाया जाना है । उन्होंने कहा कि अध्यापकों के ऑनलाइन तबादलों को मजाक बनाया था , उसी तरह आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा भी मजाक ही बना हुआ है । कभी सरकार कहती है आठवीं की परीक्षा बोर्ड लगा कभी कहती है , बोर्ड नहीं थर्ड पार्टी लेगी । ऐसा लगता है कि बोर्ड अध्यक्ष स्वयंभू बना हुआ है ।
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