किसी की नहीं कटेगी या रूकेगी ACP।सभी को सभी तीनो ACP मिलेगी....आधार रहेगा कार्यात्मक पदानुक्रम (Functional hierarchy)
कल 25 फरवरी 2022 को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का प्रतिनिधि मंडल श्री धर्मेन्द्र ढांडा की अध्यक्षता में पूर्वनिर्धारित (8/2/22 को शिक्षामंत्री की बैठक में निर्धारित) बैठक में शिक्षा सदन पंचकूला में अकाट्य सबूतों व तर्को के साथ अपनी बात रखी।सभी अधिकारियों ने अध्यापक संघ के पक्ष को सही माना।
अतिरिक्त निदेशक श्री मुकेश जी HCS की अध्यक्षता में निदेशालय के chief account officer श्री दुहन जी, Account Officer व पंचकूला और अंबाला जिलो के अनुभाग अधिकारी व ACP मामलो की सिनियर सुपरिटेंडेंट श्रीमती सलोचना के साथ प्रतिनिधि मंडल ने अपना पक्ष रखा व मनवाया।प्रतिनिधि मंडल में राज्य प्रधान धर्मेंद्र ढांडा, महासचिव प्रभु सिंह,मुख्य सलाहकार सी. एन.भारती,उपमहासचिव कृष्ण नैन,राज्य उपप्रधान बहन मंजू गुर्जर,राज्य आडिटर विजयपाल व यमुनानगर के जिला प्रधान संजय कुमार शामिल रहे।
01/01/1996 से ए सी पी(इससे पहले अन्य नामों से) शुरू होने के इतिहास से बात शुरू की गई।उसके बाद 12/5/1998 के प्राथमिक के व सैकेंडरी के रूल अक्षरशः पढ़े व समझे गये। इन्ही के आधार पर वर्तमान में विभाग के बने 11/4/2012 के रूल अक्षरशः स्वयं अतिरिक्त निदेशक महोदय ने पढ़े। इन रूलो पर अध्यापक संघ ने अपने तर्को व सबूतो के साथ अपना पक्ष रखा। जिससे श्री मुकेश जी, चीफ अकाउंट आफिसर, एकांउट ऑफिसर व उपस्थित दोनों अनुभाग अधिकारी संतुष्ट व सहमत थे। एसीपी मामलो के सुपरिटेंडेंट को कुछ जाने-अनजाने जो भ्रम था, जिसे अधिकारियों ने अध्यापक संघ की समझ से सहमत करवाया व भविष्य में किसी भी शिक्षक का अनावश्यक रूप से एसीपी न रोकने के लिए सभी को हिदायतें भी जारी करने पर सहमति बनी।
सहमति पक्ष के बिंदु
🍇11/4/2012 से पहले की ड्यू सभी एसीपी पर पुराने ही नियम लागु रहेगें।
🍇किसी भी केटेगरी के शिक्षक के लिए कोई पदोन्नति का उच्च पद ही नही है (C&V) या उसके कार्यात्मक पदानुक्रम(Function hierarchy) में पदोन्नति की योग्यता रखता है तो उन्हे सभी तीनो एसीपी समयबद्ध 8-16-24 वर्ष की सेवा पूरी करते ही मिलेंगे।
🍇5 साल का अनुभव पूरा कर चुके सभी TGT को विभाग 3 सप्ताह की (एसीपी के लिए निर्धारित योग्यता) ट्रैंनिंग करवाएगा,यह विभाग का काम है,संबंधित शिक्षक का नहीं।
🍇अगर कोई शिक्षक अपनी कार्यात्मक पदानुक्रम (jbt से H.T की पदोन्नति.. TGT से ESHM/H.M.की पदोन्नति,PGT से H.M/Principal की पदोन्नति) यानि Functional hierarchy के पदो की पदोन्नति को Forgo करता है तो,उसकी अंतिम एसीपी कटेगी, परन्तु यदि वह उच्च योग्यता आधारित पदोन्नति को Forgo करता है तो उसकी कोई एसीपी नहीं कटेगी।
🍇 सभी केटेगरी में (2012 के बाद लगने वाली) तीनों एसीपी के लिए 11/4/2012 के सर्विस रूल की भर्ती की शर्तो को ही पूरा करना मात्र शर्त लागू होती हैं।
1)जेबीटीः भर्ती के लिए बाहरवीं ,Ded,Deled में 50% की शर्त हैं।यही भर्ती वाली योग्यता ही H.T. की पदोन्नति की योग्यता हैं। यही उसकी कार्यात्मक पदानुक्रम के तहत किसी भी अन्य शर्त को देखने की जरूर ही नहीं हैं।अगर कोई जेबीटी उच्च योग्यता प्राप्त नहीं करता तो,उसे भी तीनो एसीपी समयबद्ध 8-16-24 साल पर मिलने ही हैं। तब उच्च योग्यता वालो के लिए सजा क्यों हो।योग्यता आधारित पदोन्नति तो पदोन्नति दूसरी व तीसरी अतिरिक्त शर्तो को पुरा करना है, जिनका एसीपी से कोई लेना देना ही नहीं हैं। इसलिए सभी जेबीटी को सभी तीनों एसीपी देने बनते है।उनकी मास्टर पद के लिए निर्धारित योग्यता की कोई जरूरत ही नहीं है,सिर्फ Functional hierarchy के आधार पर ही देय बनते हैं।(बाहरवीं में 50% की एकमात्र शर्त पूरी करनीं हैं।)
2)सी एण्ड वीः C & V की Function hierarchy में पदोन्नति का कोई पद ही नहीं है।इसलिए इसके लिए तो एसीपी में योग्यता या अंकों का कुछ देखा ही नहीं जाना हैं। सभी ड्राईंग व पीटीआई को तीनों ही एसीपी बिना किसी भी शर्त के सिर्फ समयबद्ध 8-16-24 वर्ष की सेवाअवधि पूर्ण करते ही मिलने तय है।कोई नियम आड़े नहीं आ रहा हैं। इस पर भी सभी सहमत थे,कि जब एसीपी के लिए आधार ही Function hierarchy है,ओर उसमें समयबद्ध एसीपी है,तो किसी भी उच्च पर पदोन्नति की योग्यता एसीपी के मामले में देखना, एसीपी के नियमों के विरूद्ध हैं। यदि कोई टीजीटी की योग्यता मांगता है,तो उसकी शिकायत निदेशालय में की जाए।
3)टीजीटीःटीजीटी की कार्यात्मक पदानुक्रम (Functional hierarchy)*की पदोन्नति ESHM/high.s.H.M की बनती है। इस पद की कार्यात्मक पदानुक्रम(Function hierarchy) में ये दो ही पद है,जिनमें किसी अन्य उच्च योग्यता या प्रतिशत की शर्त ही नहीं हैं। इसलिए इनको भी तीनो एसीपी समयबद्ध 8-16-24 वर्ष की सेवापूर्ण करते ही बिना PGT की योग्यता के मिलेगे।(पुराने टीजीटी के लिए स्नात्तक में व बीएड़ की 45% की शर्त में कोई अपवाद स्वरूप रह सकता हैं।)
4)PGT: पीजीटी की Function hierarchy में प्रिंसिपल, बीईओ के लिए कोई अतिरिक्त योग्यता की जरूरत नहीं होती,इसलिए उसे भी (जिनकी bed नहीं है,उनके लिए सहमती नहीं बनी हैं।,इस पर हमारा आंदोलन जारी रहेगा)।
साथियों ध्यान रहे कि हमारी एसीपी पर इतने विशेषज्ञों व उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में,सहमती है।वे अध्यापक संघ के तर्क व सबूतो,जो स्वयं नियम ही है सहमत है।एसीपी रोकना नियमों का न होना,या उसकी समझ न होने का मामला नहीं हैं।उन्हे बार बार वापस भेजना। एक ही एतराज बार बार लगाना,एतराज को स्पष्ट न करना... यह सिर्फ ओर सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला हैं। इसके लिए हमें संबंधित कर्मचारियों/अधिकारियों को समझाना होगा,ना समझे तो आंदोलन का दबाव व उच्च अधिकारियों को नाम व सबूतो के साथ शिकायत ही बनता
विजेन्द्र मोर
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