हरियाणा में 42 दिन बाद क्लर्कों की हड़ताल खत्म : CM के साथ मीटिंग में माने; 21,700 पे स्केल ठुकराया, 2 रिटायर्ड IAS की बनी कमेटी
हरियाणा में 42 दिन बाद क्लर्कों की हड़ताल खत्म हो गई। देर रात मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ एसोसिएशन पदाधिकारियों की मीटिंग में क्लर्क हड़ताल वापसी पर मान गए। मीटिंग में सरकार की ओर से 21,700 पे स्केल का ऑफर दिया गया, लेकिन एसोसिएशन ने इसे ठुकरा दिया। काफी मंथन के बाद तय हुआ कि इस मामले में 2 रिटायर्ड IAS अधिकारियों समेत चार से पांच सदस्यों की कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी 3 महीने क्लर्कों की सभी मांगों पर चर्चा करेगी।*
*इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी और उसके बाद बातचीत होगी। तब तक राज्य व्यापी क्लर्कों की हड़ताल स्थगित रहेगी। हड़ताल के दौरान सभी क्लर्को को सरकार ने रूकी हुई सैलरी देने का भी फैसला किया है।*
*सरकार ने लगाया एस्मा*
हड़ताल पर चले रहे क्लर्कों को मनाने के लिए अब तक 5 दौर की मीटिंग हो चुकी हैं। हालांकि सरकार ने देर रात हुई मीटिंग से पहले एस्मा (हरियाणा आवश्यक सेवा-अनुरक्षण अधिनियम) लगा दिया था। मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से शनिवार को हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने का आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन अब सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
*5 जुलाई से हड़ताल पर हैं लिपिक*
हरियाणा में क्लर्क एसोसिएशन के बैनर तले राज्य में लगभग 15 हजार से अधिक क्लर्क 5 जुलाई से हड़ताल पर हैं। हड़ताली कर्मचारियों पर सरकार काम नहीं तो वेतन नहीं का नियम पहले ही लागू कर चुकी है। हड़ताल को तोड़ने के लिए सरकार ने अब एस्मा लगाया है। इसके तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हो सकता।
*एस्मा में छह महीने की सजा का प्रावधान
अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है और उसे छह महीने की सजा हो सकती है। कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है। अधिकतम छह महीने तक एस्मा लगाने का प्रविधान है। सरकार के स्तर पर 13 जुलाई, 21 जुलाई, 26 जुलाई और 10 अगस्त को बैठकें कर हड़ताली लिपिकों को मनाने की कोशिश की जा चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई।
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