सरकारी नौकरियों पर सदन में कलह

चंडीगढ़ : हरियाणा में सरकारी नौकरियां बड़ा मुद्दा है। राज्य सरकारों पर नौकरियों में भाई-भतीजावाद और क्षेत्रवाद के आरोप अक्सर लगते रहे हैं। नई नौकरियां देने और पिछले कर्मचारियों को हटाने के मामले में बृहस्पतिवार को
सदन में तनातनी देखने को मिली। कांग्रेस ने हजारों लोगों की नौकरियां छीनने के आरोप जड़े तो भाजपा सरकार ने 50 हजार युवाओं को नौकरियां देने का दावा किया। 30 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी और 20 हजार पर की जाने वाली है।
भाजपा विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने सरकार ने पूछा कि भर्तियों में भाई-भतीजावाद को रोकने तथा योग्यता के आधार पर नौकरियां देने के लिए सरकार क्या कर रही है। कांग्रेस के कुलदीप शर्मा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री से सवाल किया कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से कितने लोगों को नौकरियों से निकाला गया और कितनों को नई नौकरियां दी गई।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भर्ती प्रक्रिया का पूरा फार्मूला सदन में पेश करते हुए कहा कि किसीभी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला गया। हमने पिछली सरकार द्वारा नियमों को ताक पर रख कर गलत तरीके से की गई भर्तियों पर विभिन्न न्यायालयों द्वारा दिए गए फैसलों को माना है। प्राध्यापकों को 15 दिनों में ज्वाइनिंग दे दी जाएगी। 761 डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे, जिनमें से 389 का चयन हो चुका है।
उन्होंने कहा कि साक्षात्कार के केवल 12 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए। पहले यह 30 से 50 तक हो जाते थे। अध्यापकों के लिए अधिकतम 8 प्रतिशत अंक अनुभव के लिए रखे गए। साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या रिक्तियों की संख्या से दो गुणा से ज्यादा नहीं होगी। कुलदीप शर्मा ने जब सवाल किया कि सरकार ने 4 लाख नौकरियां देने का वादा किया है तो इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि नई उद्यमी प्रोत्साहन नीति-2015 में चार लाख नौकरियां नहीं बल्कि रोजगार देने के अपने वादे पर सरकार कायम है।
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