एजुसेट खराब, तो कैसे पहुंचेगा मन की बात

एजुसेट खराब, तो कैसे पहुंचेगा मन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को स्कूल बच्चों के साथ मन की बात करेंगे, लेकिन जिले के काफी स्कूल में तो एजूसेट खराब पडे़ हैं जबकि स्कूलों के पास रेडियो या टेलिविजन की सुविधा ही नही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल
यही है कि प्रधानमंत्री स्कूली बच्चों के पास अपने मन की बात कैसे पहुंचाएंगे।
यहां तो स्थिति ऐसी है कि कुछ समय पहले बच्चे मुख्यमंत्री के भाषण को भी एजूसेट पर नही सुन पाए थे। स्कूल स्टाफ व बच्चे एजूसेटों के सामने बैठे रहे, लेकिन आवाज नही आ रही थी। एजूसेट पर सिर्फ तस्वीरों को देखकर ही अंदाजा लगाया गया कि मुख्यमंत्री बेटी बचाने व महिला सशक्तिकरण पर भाषण दे रहे है। इस बार भी स्थिति ऐसी ही होने वाली है। प्रधानमंत्री अपने मन की बात तो कहेंगे लेकिन वह अधिकतर बच्चों तक नही पहुंच सकेगी।
एजूसेट फांक रहे धूल
कुछ साल पहले सरकार द्वारा सभी स्कूलों में एजूसेट लगाए गए थे। एक स्कूल में एजूसेट लगाने के लिए लाखों रुपये खर्च हुए। इनके लिए कमरे को विशेष रुप से सजाया गया। एजूसेट का उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल तरीके से शिक्षा देना था, लेकिन सरकार का यह सपना, सपना ही बनकर रह गया। कुछ समय बाद ही एजूसेट खराब हो गए जिन्हें आज तक ठीक नही किया जा सका है। जबकि कुछ स्कूलों में एजूसेट की बैटरियां खराब हो गई है। बैटरियां खराब हो जाने से गांवों में यह केवल शोपीस ही बनकर रह गए है।
बिजली बनेगी बाधा
प्रधानमंत्री की मन की बात में बिजली भी सबसे बडी बाधा बनेगी। जिले के सबसे ज्यादा स्कूल गांवों में है। गांव में बिजली घंटों तब गुल रहती है। जबकि विभाग कि ओर से स्कूलों में जो जनरेटर लगाए गए है वह भी अब सफेद हाथी ही बने हुए है। वर्षो से जनरेटरों के ईधन के लिए कोई फंड नही आया है। जबकि प्रयोग में न आने के कारण कई जगहों पर ये खराब हो चुके है। इसलिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर किसी स्कूल में एजूसेट चलता भी है तो बिजली बाधा होने पर उसका क्या औचित्य रह जाएगा।
स्कूलों में नही टीवी, रेडियो
स्कूलों में रेडियों या टेलिविजन की भी कोई सुविधा नही है। ताकि एजूसेट खराब होने की स्थिति में इन्ही का सहारा लिया जा सके। प्रधानमंत्री के मन की बात सुनने के लिए स्कूल मुखिया के सामने काफी चुनौती होगी। जिस स्कूल में एजूसेट खराब है वहां पर मुखिया को या तो रेडियों खरीदनी पडे़गी या टेलिविजन का जुगाड़ करना होगा।
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