राज्यों में स्टेट रैंक को ही मिलेगी प्राथमिकता AIEEE

नई दिल्ली: सीबीएसई द्वारा एआइईईई की काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी है। छात्र बीते सालों की कट ऑफ लिस्ट देख कर अंदाजा लगा सकते हैं कि ऑल इंडिया और स्टेट रैंक के हिसाब से उन्हें देश के किस इंजीनियरिंग कालेज में इंजीनियरिंग की कौन सी शाखा में दाखिला मिल सकेगा। किस संस्थान की किस शाखा में दाखिले के लिए ओपनिंग व क्लोजिंग रैंक क्या रखी गई है। एनआइटी को छोड़कर राज्यों के इंजीनियरिंग कालेजों में स्टेट रैंक को ही प्राथमिकता दी जाएगी। उदाहरण के लिए किसी की अगर ऑल इंडिया रैंक 50 हजार है, लेकिन उसकी स्टेट रैंक 10 हजार है तो उसे अपने राज्य के इंजीनियरिंग कालेजों में पहले प्राथमिकता मिलेगी। एआइईईई के तहत देश के 85 सरकारी इंजीनियरिंग संस्थान शामिल हैं, जिसमें देश के नामचीन 24 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) और तीन बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (बीआइटी) भी हैं। जिसमें दाखिले के लिए मारामारी रहती है। साथ ही इसमें देश के कुछ प्राइवेट विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। एआइईईई की काउंसिलिंग सेंट्रल काउंसिलिंग बोर्ड (सीसीबी) द्वारा आयोजित की जाती है। सीसीबी की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीसीबी डॉट एनआइसी डॉट इन से यह पता लगा सकते हैं कि किस इंजीनियरिंग की शाखा में कितने राउंड में कितनी रैंक वाले छात्र को दाखिला प्राप्त होगा। इसके साथ ही एनआइटी में एआइईईई की रैंक के आधार पर कितनी सीटें हैं और किस एनआइटी की कौन सी शाखा में पहले राउंड से लेकर तीसरे राउंड तक कितनी रैंक पर दाखिला हुआ है। इस पर उन्हें सीट के आधार पर जानकारी मिल जाएगी। सीसीबी की वेबसाइट पर छात्रों की सहूलियत के लिए वर्ष 2009 व वर्ष 2010 की काउंसिलिंग के आधार पर रैंक की पूरी जानकारी दी है है।

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.