चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी की अटका पड़ा इम्तिहान पास करने के लिए गोल्डन चांस देने की योजना हिट हो गई है। भारी भरकम फीस होने के बावजूद हर साल गोल्डन चांस के लिए सैकड़ों विद्यार्थी सामने आने लगे हैं। वीसी प्रो. आरसी सोबती ने पंजाब यूनिवर्सिटी की गोल्डन जुबली पर 2007 में इस योजना का श्रीगणेश किया था। अप्रैल 2010 में तो महज पांच विद्यार्थी ही सामने आए, लेकिन अप्रैल 2011 में 35 विद्यार्थियों ने इसका फायदा उठाया। सितंबर 2010 में गोल्डन चांस पाने के लिए विभिन्न कोर्सो के 289 विद्यार्थियों ने आवेदन करके पेपर दिया। इतनी बड़ी संख्या से उत्साहित होकर ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने योजना को आगे जारी रखने का एलान कर दिया है। सितंबर 2011 के लिए प्रशासन ने इसकी फीस भी बढ़ा दी है। पहले गोल्डन चांस पाने के लिए विद्यार्थियों से 7500 रुपये लिए जाते थे, लेकिन इस बार से यह फीस 10 हजार रुपये कर दी गई है। अगर एक से ज्यादा विषयों में अपीयर होना है तो प्रति विषय इसमें 800 रुपये का इजाफा होता जाएगा। यह आम फीस से पांच छह गुणा अधिक है, लेकिन बावजूद इतनी फीस के गोल्डन चांस लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बीए और एमए इत्यादि में इंप्रूवमेंट के लिए इम्तिहानों की वैसे 1100 से 1500 रुपये तक फीस ली जाती है। गोल्डन चांस उन विद्यार्थियों को दिया जाता है जो किसी कारणवश कंपार्टमेंट इत्यादि के पूरे चांस लेने के बाद भी पास नहीं हो पाते। ऐसे विद्यार्थियों को दो विशेष चांस दिए जाते हैं। कई विद्यार्थी और खासकर लड़कियां ऐसी होती हैं जो शादी की वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देती हैं। उनके तमाम चांस पूरे हो जाते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी ने 1980 तक के विद्यार्थियों को गोल्डन चांस देने का एलान किया था। हालांकि उसमें शर्त यह थी कि उन्हें परीक्षा आज के स्लेबस मुताबिक पास करनी होगी। इंप्रूवमेंट के इम्तिहान हर साल एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी देते हैं। डिवीजन में सुधार करना इसका विशेष मकसद है। इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएट परीक्षाओं में इंप्रूवमेंट करने के ज्यादा मामले सामने आते हैं। हर साल करीब 1500 विद्यार्थी अपीयर होते हैं। गोल्डन चांस के लिए जो आवेदन कर रहे हैं उनमें 2000 के बाद के विद्यार्थियों की तादाद सबसे ज्यादा है। पंजाब यूनिवर्सिटी के अधिकांश विभाग अगले सत्र से खुद ही अपनी परीक्षाएं आयोजित करेंगे। पेपर आयोजित करने से लेकर चेक करने और रिजल्ट तैयार करने तक का जिम्मा विभागों का ही होगा। यूनिवर्सिटी का प्रयोग कितना सफल रहता है यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन एग्जामिनेशन ब्रांच का बोझ जरूर इससे कम हो जाएगा।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
See Also
Calculate your age
Age Calculator Choose date of birth: OR enter birth details: / / Calculate Age
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment