कटऑफ : डीयू में 100 फीसदी पर प्रवेश

महाराष्ट्र में पांचवीं की छात्रा मां बनी, पिता उसी स्कूल में छठी का छात्र

शहापुर. महाराष्ट्र के इस जिले में एक पांचवीं की छात्रा (15) ने एक बच्ची को जन्म दिया है। यह लड़की सावरोली स्थित अंग्रेजी माध्यम की छात्रा है। नवजात कन्या का पिता इसी स्कूल में कक्षा छह में अध्ययनरत एक किशोर है।

इस मामले स्कूल के मुख्य अध्यापक, अधीक्षक, सुरक्षाकर्मी एवं रसोइये को निलंबित कर दिया गया है। छात्रा मई में अवकाश के दौरान दहालु तहसील के मोड स्थित अपने गांव गई थी। वहीं सात जून को उसने बच्ची को जन्म दिया।

घटना की जानकारी मिलने पर प्रोजेक्ट अधिकारी म्हसे पाटिल ने पीड़िता के परिजनों से बातचीत की। परिजन छात्रा की पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक हैं। इस नवजात का पिता माना जा रहा किशोर शिरोल गांव का बताया जा रहा है।

स्कूल में नियमित अंतराल पर होने वाले स्वास्थ्य परीक्षण में छात्रा के गर्भवती होने का पता नहीं चला। ऐसा पिछला परीक्षण 28 जनवरी को हुआ था।





कटऑफ : डीयू में 100 फीसदी पर प्रवेश

नई दिल्ली.दिल्ली विश्वविद्यालय के टॉप कॉलेजों में शुमार श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में इस बार बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए अब तक की ऐतिहासिक कटऑफ लिस्ट जारी की गई है।

दाखिले के लिए यहां पहुंचने वाले ऐसे छात्र जिनके पास 12वीं में बिजनेस स्टडीज, मैथमेटिक्स, एकाउंट्स व इकोनॉमिक्स में से कोई विषय नहीं रहा, उन्हें बेस्ट फोर में 100 प्रतिशत अंकों के साथ एंट्री मिलेगी। हालांकि, कॉलेज को भी ऐसे छात्रों के पहुंचने की उम्मीद कम ही है।

मंगलवार को बिना आवेदन फॉर्म के जारी की गई डीयू की पहली कटऑफ अपेक्षा के मुताबिक बेहद हैरान करने वाली रही। क्या कैम्पस और क्या ऑफ कैम्पस, सभी तरह के कॉलेजों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

पाठ्यक्रमों में सबसे बड़ा उतार-चढ़ाव बीए प्रोग्राम में नजर आया। दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में बीए प्रोग्राम में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है तो मैत्रयी कॉलेज में 19 प्रतिशत की गिरावट आई है।

डीयू की पहली कटऑफ लिस्ट में पापुलर कॉमर्स पाठ्यक्रमों में बीकॉम और बीकॉम ऑनर्स पाठ्यक्रम में भी कैम्पस कॉलेजों मे जहां .25 प्रतिशत से लेकर तीन से चार प्रतिशत तक का उतार-चढ़ाव दर्ज हुआ है, वहीं ऑफ कैम्पस कॉलेजों में यह अंतर 1-2 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत तक रहा।

ह्यूमेनिटीज की बात करें तो यहां भी भारी उतार-चढ़ाव दर्ज हुआ। राजधानी कॉलेज में इतिहास ऑनर्स की कटऑफ बीते साल के 64 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जबकि, कमला नेहरू कॉलेज में फिलॉस्फी ऑनर्स में बीते साल के 70 प्रतिशत से बढ़कर इस बार 80 प्रतिशत कटऑफ आई है।

इसी तरह, कैम्पस के रामजस कॉलेज में बीए प्रोग्राम की कटऑफ में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

कटऑफ में गिरावट देखें तो ह्यूमेनिटीज में श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में अंग्रेजी ऑनर्स में 1 प्रतिशत की, हिन्दी ऑनर्स में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। ऑफ कैम्पस कॉलेज में जाकिर हुसैन सांध्य कॉलेज में संस्कृत की कटऑफ बीते साल के 60 प्रतिशत से 10 प्रतिशत गिरकर 50 प्रतिशत पहुंच गई है।

साइंस स्ट्रीम का हाल भी कॉमर्स व ह्यूमेनिटीज से अलग नहीं है। यहां कैंपस कॉलेज दौलतराम में केमिस्ट्री ऑनर्स में 13 फीसदी तो ऑफ कैंपस गार्गी कॉलेज में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में केमिस्ट्री ऑनर्स की कटऑफ में बीते साल के मुकाबले 10 प्रतिशत, बॉटनी, जूलॉजी और बीएससी फिजिकल साइंसेस-कम्प्यूटर साइंसेस की कटऑफ 9 प्रतिशत ऊंची रही है। इसी तरह, कैम्पस कॉलेज में साइंस पाठ्यक्रमों में सबसे पसंदीदा हंसराज कॉलेज में केमिस्ट्री ऑनर्स में 94 प्रतिशत कटऑफ गया है जो बीते साल के मुकाबले 9 प्रतिशत ज्यादा है, मिरांडा हाउस में फिजिक्स की कटऑफ बीते साल के मुकाबले 6 प्रतिशत और केमिस्ट्री की 8 प्रतिशत ऊपर रही है।

बढ़ोतरी के मोर्चे पर श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में फिजिक्स में 9.33 प्रतिशत, केमिस्ट्री में 9 प्रतिशत और इलेक्ट्रोनिक्स ऑनर्स में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। गिरावट की बात करें तो यहां कैम्पस कॉलेजों से परे ऑफ कैम्पस कॉलेजों में शुमार स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में बॉटनी ऑनर्स में 2 प्रतिशत, माइक्रोबायोलॉजी में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है।

कुछ पाठच्यक्रमों के लिए लगेगी भीड़

पहली कटऑफ में आए उतार-चढ़ाव का नतीजा होगा कि कॉलेजों के कुछ पाठ्यक्रमों में दाखिलों की बाढ़ आ सकती है तो कुछ में दूसरी कटऑफ तक टोटा बना रहेगा। एसआरसीसी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पीसी जैन ने बताया कि उनके यहां बीते सालों की ही तरह बीकॉम ऑनर्स में 0.75 प्रतिशत से 1.25 प्रतिशत और इकोनॉमिक्स ऑनर्स में 1.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

बीकॉम में 100 प्रतिशत कटऑफ के विषय में उन्होंने साफ किया कि नियमों के तहत ऐसा करना पड़ा है। हालांकि, उन्हें भी ऐसी उम्मीद कम ही है कि उनके यहां 12वीं में बिजनेस स्टडीज, मैथमेटिक्स, एकाउंट्स व इकोनॉमिक्स न पढ़ने वाले छात्र बीकॉम ऑनर्स पढ़ने पहुंचेंगे।

डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा से जब कटऑफ के विषय में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहली कटऑफ के बाद दाखिले की तस्वीर साफ नहीं होगी। असली तस्वीर तो दूसरी कटऑफ में सामने आएगी।


इसलिए छात्रों को परेशान होने के बजाए एडमिशन सेफ करने पर ध्यान लगाना चाहिए, यानि यदि मनपसंद कोर्स में कहीं नम्बर आया गया है तो दाखिला ले लें और फिर मनपसंद कॉलेज में कटऑफ गिरने का इंतजार करें।

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