हिसार, जागरण टीम : प्रदेश में एक तरह से सरकार ने शिक्षा से पल्ला झाड़ लिया है। अधिकतर शिक्षण संस्थान संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। अतिथि अध्यापकों के सहारे पढ़ाई कराई जा रही है। इससे गुणवत्तापरक शिक्षा के बारे में सोचना ही बेमानी है। असल में सरकार को शिक्षा से कोई आमदनी नहीं होती है, इसलिए इस क्षेत्र में कम ही रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसका फायदा निजी संस्थान उठा रहे हैं।
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