लंदन. अगर किसी टीचर ने अपने 16 या 17 साल के स्टूडेंट के साथ सेक्स किया है तो ज़रूरी नहीं है की उसे दोषी करार दिया जाए.
कुइंसलैंड का कानून कहता है कि जब तक यह बात साबित न हो जाए कि सम्बन्ध बनाने के दौरान कोई जोर-जबरदस्ती की गई थी तब तक किसी टीचर को सिर्फ इस आधार पर दोषी नहीं कहा जा सकता है कि उसने अपने स्टूडेंट के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये हैं.
गौरतलब है कि विक्टोरियन कानून के मुताबिक कोई भी टीचर अगर अपने अधीन किसी स्टूडेंट के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाती या बनाता है तो वह दोषी होगा भले ही यह सम्बन्ध सहमति से ही क्यूँ न बनाया गया हो.
दरअसल, स्टीफेन पीटर मोरो को विक्टोरियन कानून के आधार पर अपने एक स्टूडेंट के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने के आरोप में दोषी करा दिया गया था जबकि, उनके वकीलों का कहना है कि टीचर के तौर पर उनका नामांकन कुइंसलैंड में है. इसलिए उनके ऊपर मुकदमा भी कुइंसलैंड कानून के मुताबिक ही चलना चाहिए.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment