चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने एक साथ कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हरियाणा में गेस्ट टीचरों कोहटाने पर रोक लगाने का आदेश जारी करते हुए याचिका को एडमिट करने का फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने यह फैसला उन याचिकाओं पर जारी किया, जिसमें सरकार ने उन अतिथि अध्यापकों की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया था, जो नियम के अनुसार योग्यता पूरी नहीं करते या जिनके विषय कंबीनेशन सही नहीं हैं।
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एसएस बोर्ड सचिव को हाईकोर्ट का नोटिस
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एसएस बोर्ड द्वारा ग्राम सचिव पदों के लिए शार्ट लिस्ट जारी करने पर नोटिस जारी करते हुए 21 अक्तूबर तक जवाब देने को कहा है। याची ने याचिका दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा सितंबर 2009 में दिए गए फैसले को आधार बनाया था। गौरतलब है कि एसएस बोर्ड ने जुलाई 2007 में ग्राम सचिव के 400 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इसके लिए बारहवीं, कम्प्यूटर की जानकारी तथा दसवीं तक हिंदी या संस्कृत आवश्यक विषय के रूप में निर्धारित की गई थी। इसके बाद बोर्ड ने जुलाई 2010 में पदों की संख्या को बढ़ाकर 870 कर दिया था। स्टाफ सलेक्शन बोर्ड द्वारा 2008 में जारी विज्ञापन के दौरान भिवानी के धारवान बास निवासी राजेश कुमार तथा झज्जर के साहलावास निवासी कर्मबीर सिंह ने भी आवेदन किया था। आवेदकों की संख्या को कम करते हुए बोर्ड ने अप्रैल 2011 में शार्ट लिस्ट जारी की। इसके लिए बोर्ड ने बारहवीं के पास प्रतिशत अंक को 0.58 से गुणा करने के कम से कम 41 प्रशित अंक निर्धारित किए गए। एडवोकेट जगबीर मलिक ने दोनों की तरफ से इस मामले में 31 मई को हाई कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सितंबर 2003 में मनजीत बनाम स्टेट पंजाब के मामले को आधार बनाया। 6 जुलाई को सुनवाई के बाद न्यायाधीश रणजीत सिंह ने एसएस बोर्ड के सचिव को नोटिस जारी करते हुए 21 अक्तूबर 2011 तक जवाब देने को कहा।
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