बीपीएल छात्रों को प्रवेश न देने वाले स्कूलों पर शिकंजा कसा
बल्लभगढ़ बीपीएल परिवार के छात्रों को एडमिशन न देने वाले मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर शिक्षा निदेशालय अब शिकंजा कसेगा। निजी स्कूलों में 25 फीसदी बीपीएल परिवार के बच्चों को दाखिला देना अनिवार्य है, लेकिन इसे लागू करने में निजी स्कूल आनाकानी कर रहे हैं। नए शिक्षा सत्र 2011-12 के छह माह बीत जाने के बाद भी जिले के कई स्कूलों में बीपीएल कैटेगरी के बच्चों को दाखिला नहीं मिला है।निदेशालय अब इन स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी में लगा है। निदेशालय ने पत्र जारी कर मौलिक शिक्षा अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
25 फीसदी दाखिला देना जरूरी: हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली 2003 के 134-ए के तहत सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में बीपीएल परिवारों को 25 फीसदी बच्चों को दाखिला देने का प्रावधान है।
निदेशालय की हिदायत के मुताबिक, बीपीएल वर्ग के बच्चों को सभी कक्षाओं में दाखिला देना अनिवार्य है, लेकिन कुछ मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संचालक बीपीएल कैटेगरी के बच्चों को दाखिला देने से कतरा रहे हैं। स्कूल के संचालक दलील दे रहे हैं कि उनके पास इस तरह के बच्चे दाखिला लेने नहीं आ रहे हैं। अब निदेशालय इस प्रावधान को सख्ती से लागू करने में जुट गया है। निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र (3/10-2011-आरटीई-1) जारी कर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों से बीपीएल दाखिले की सूची 30 सितंबर तक एकत्र करने के आदेश दिए हैं। निर्धारित अवधि में दाखिले की सूचना न देने वाले स्कूलों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस बोर्ड पर सूची होगी डिस्प्ले: बीपीएल परिवार के बच्चों के दाखिले की सूची सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर डिस्प्ले करना अनिवार्य है। सूची डिस्प्ले न करने वाले स्कूल क्या कहते जिला शिक्षा अधिकारी: जिला शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली 2003 व 2009 के तहत सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में बीपीएल परिवार के 25 फीसदी बच्चों को दाखिला देना अनिवार्य है। निजी स्कूल संचालक हर हाल में दाखिले की रिपोर्ट नियत अवधि में डीईईओ कार्यालय में जमा करा दें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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अन्ना को समर्थन देने वाला सिपाही बर्खास्त
दिल्ली में अन्ना हजारे के मंच से उप्र पुलिस के विशेष डीजीपी बृजलाल व एडीजी (रेलवे) एके जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले निलंबित सिपाही सुबोध यादव को राजकीय रेलवे पुलिस बल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।-----------------------------------------------------------------------------------------------------
भर्ती लिस्ट पर लटकी तलवार
फरवरी महीने में हुई पुलिस भर्ती के रिजल्ट पर पूरी तरह से संदेह की तलवार लटकी हुई है। इस भर्ती में अभी तक उम्मीदवारों में 13 के कागजात फर्जी पाए गए हैं। पुलिस ने रविवार को फर्जी कागजात इस्तेमाल करने वाले एक और उम्मीदवार के खिलाफ पक्का डंगा थाने में एफआईआर नंबर 154 के तहत मामला दर्ज किया।
इस फर्जीवाड़े में अभी तक 13 उम्मीदवारों के नाम बाहर आ चुके हैं। आरोपी उम्मीदवारों के खिलाफ पक्का डंगा थाने में अलग-अलग एफआईआर नंबर 92, 107 तथा 154 नंबर में मामले दर्ज हैं। 13 उम्मीदवारों के कागजात फर्जी निकलने के बाद पुलिस ने अन्य उम्मीदवारों के कागजातों से बारीकी से जांच शुरू कर दी है। इसलिए अभी तक भर्ती का रिजल्ट नहीं निकल पाया है।
पुलिस मुख्यालय सभी प्रत्याशियों के कागजात की बारीकी से जांच करने में जुट गया है। इसके बाद ही इस भर्ती का रिजल्ट जारी होने की संभावना है।
फर्जी कागजात जमा करवाने के अभी तक ३ मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें 13 उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। 24 फरवरी 2011 को हुई पुलिस भर्ती में हजारों युवाओं ने भाग लिया था। भर्ती प्रक्रिया के अंतिम दौर में पहुंचे उम्मीदवारों ने कागजात जमा करवाए थे। पुलिस ने जब कागजातों की जांच की तो उनमें 13 के कागजात फर्जी पाए गए हैं। पक्का डंगा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 92 में ४ तथा एफआईआर नंबर 107 में ८ उम्मीदवारों के शैक्षणिक सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए थे। मामले दर्ज करने के बाद पुलिस ने जब आरोपी प्रत्याशियों से पूछताछ की तो उन्होंने कई संस्थानों के नाम बताए थे जहां से हजारों रुपए देकर फर्जी कागजात बनाए थे।
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