नई दिल्ली केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) बहुत जल्द कम्प्यूटर पर उत्तरपुस्तिकाओं को जांचने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। बोर्ड की ओर से ‘ऑन स्क्रीन मार्किग नामक इस योजना का श्रीगणोश 2012 के लिए होने जा रही 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं से हो रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली सहित तीन से चार शहरों को इस नए प्रयोग में शामिल करने की तैयारी है।
सीबीएसई के परीक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस योजना का उद्देश्य उत्तरपुस्तिकाओं की डिजिटल स्टोरेज, पुन: मूल्यांकन के इच्छुक छात्रों को संतुष्ट करना और हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से आए उस आदेश का पालन करना है, जिसके तहत सूचना अधिकार कानून के तहत परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों को उत्तरपुस्तिकाएं दिखाना जरूरी हो गया है। इस योजना को लागू करने की दिशा में प्रयासरत बोर्ड अधिकारियों के अनुसार मैन्युअल की बजाय कम्प्यूटर के माध्यम से उत्तरपुस्तिकाएं जांचने पर न सिर्फ मार्किग प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी बल्कि परिणाम जारी करने की प्रक्रिया भी तीव्र होगी। बोर्ड की तैयारी के तहत वर्ष 2012 में बारहवीं के लिए होने वाली वार्षिक परीक्षा के तहत ह्यूमैनिटीज व साइंस स्ट्रीम के कुछ पेपर्स की उत्तरपुस्तिकाओं को इसी सिस्टम के तहत जांचा जाएगा और परिणाम जारी किए जाएंगे।
यदि प्रयोग कारगर रहा तो बोर्ड इसके विस्तार की दिशा में आगे बढ़ेगा। सीबीएसई की इस योजना के तहत बैंगलौर स्थित एक कम्पनी के साथ पायलट प्रोजेक्ट भी किया जा चुका है, जिसके तहत साफ हुआ है कि इस व्यवस्था से न सिर्फ मूल्यांकन में गलतियां कम होंगी बल्कि पुन: मूल्यांकन भी आसान होगा। मौजूदा प्रक्रिया के तहत उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के लिए एक केन्द्र बनाया जाता है, जहां 20-50 तक शिक्षकों को उत्तरपुस्तिकाएं जांचने का काम करना होता है।
बंडलों में उत्तरपुस्तिकाएं सेंटरों पर पहुंचती हैं और कई बार शिक्षकों के न पहुंचने की सूरत में मूल्यांकन में अन्य शिक्षक द्वारा गड़बड़ी की गुंजाइश बढ़ जाती है। जबकि नई व्यवस्था में ऐसी गलती की संभावना नहीं होगी।
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