दूसरी पत्नी नहीं, उसके बच्चे पीएफ-पेंशन के हकदार

बिलासपुर. हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दूसरी पत्नी के बच्चों को पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन की राशि में बराबर का हकदार माना है। कोर्ट ने कहा है कि दूसरी पत्नी इसमें हिस्सेदार नहीं हो सकती।


हिंदू महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। राजनांदगांव जिले में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 जगदीश प्रसाद शुक्ला की दो पत्नियां तारिणी शुक्ला व ऊषा शुक्ला थीं। नौकरी के दौरान ही शुक्ला की मृत्यु हो गई। पति की मौत के बाद दूसरी पत्नी ऊषा शुक्ला ने सिविल कोर्ट में वाद दायर कर पति की पीएफ, ग्रेच्युटी और पीएफ में अपने व दो बेटियों मानसी व सविता के लिए समान हिस्सा मांगा।



सुनवाई के बाद सिविल कोर्ट ने दूसरी पत्नी के पक्ष में फैसला दिया। इस फैसले को पहली पत्नी तारिणी ने जिला कोर्ट में चुनौती दी, इस पर सुनवाई के बाद जिला कोर्ट ने सिविल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। दूसरी पत्नी ऊषा ने जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस एनके अग्रवाल की सिंगल बेंच ने दूसरी पत्नी के बच्चों को पिता की पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन की राशि में बराबर हिस्सा देने का आदेश दिया है। वहीं दूसरी पत्नी को कोर्ट ने इसमें हिस्सेदार मानने से इनकार कर दिया है।

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