बठिंडा, हमारे संवाददाता : करो या मरो की रणनीति पर रविवार को यहां मानसा ओवरब्रिज पर चक्का जाम कर रहे ईटीटी अध्यापकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने कुछ युवतियों समेत करीब 80 अध्यापकों को हिरासत में ले लिया। डीएसपी विक्रमजीत सिंह ने बताया कि 32 अध्यापकों पर पर्चा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है जबकि अन्य को रिहा कर दिया है। पंचायती राज से स्कूलों को शिक्षा विभाग में शामिल करने की मांग को लेकर आज ईटीटी अध्यापकों ने प्रांत स्तरीय रैली निकाली और मानसा ओवरब्रिज पर लगातार डेढ़ घंटा धरना लगाया। सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए हाइवे वाले इस पुल को प्रदर्शनकारियों ने चारों दिशाओं से घेर कर चक्का जाम कर दिया। मुख्य मार्ग पर दूर-दूर तक वाहनों की कतारें लगने से लोगों को काफी परेशानी हुई। लोग घंटों जाम में फंसे रहे। पुलिस पार्टी समेत यहां तहसीलदार अवतार सिंह मक्कड़ ने काफी समझाया, लेकिन बात नहीं बनने पर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को जाम हटाने के निर्देश दे दिए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिस के तीखे तेवर देख जान बचाने को अध्यापक मैदान छोड़ उलटे पांव दौड़े, पुलिस ने इन्हें दूर तक खदेड़ दिया। इस दौरान संगठन के कोर कमेटी सदस्य जगसीर सिंह सहोता, गुरप्रीत सिंह व हरदीप सिंह की भी पिटाई हुई जबकि अन्य अध्यापकों को पुलिस ने अपनी गाडि़यों में बिठा लिया। युवतियों ने सड़क पर लेटकर गिरफ्तारी का विरोध किया पर पुलिस कार्रवाई के आगे इनकी एक न चली और दर्जन भर युवतियां भी हिरासत में ली गईं। जिनमें संगठन के प्रांतीय नेता जगसीर सिंह सहोता, जिला प्रमुख गुरमुख सिंह, हरदीप सिंह, जोगिंद्र सिंह, प्राइमरी अध्यापक यूनियन के गुरमुख सिंह बाबा समेत लगभग 70 युवक जबकि ब्लाक नेता रमा रानी, रंजीत कौर, तनु रानी आदि करीब दर्जन भर युवतियां शामिल हैं।
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